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मुंबई : विदेशी बाजारों की गिरावट के दबाव में बीते सप्ताह एक प्रतिशत से अधिक गिरे घरेलू शेयर बाजार की चाल अगले सप्ताह वैश्विक रुख और कंपनियां के चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के परिणाम से निर्धारित होगी।
समीक्षाधीन सप्ताह बीएसई का तीस शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 721.06 अंक लुढ़ककर सप्ताहांत पर 54 हजार अंक के मनोवैज्ञानिक स्तर से नीचे 53760.78 अंक और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) का निफ्टी 171.4 अंक टूटकर 16049.20 अंक पर रह गया।
बीते सप्ताह दिग्गज और मझौली कंपनियों की गिरावट के विपरीत छोटी कंपनियों में तेजी दर्ज की गई। सप्ताहांत पर बीएसई का मिडकैप 3695.38 अंक लुढ़ककर 22854.62 अंक पर आ गई वहीं स्मॉलकैप 88.75 अंक चढ़कर 25779.56 अंक पर पहुंच गया।
विश्लेषकों के अनुसार, अमेरिका में आसमान छूती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए फेडरल रिजर्व के ब्याज दरों में बढ़ोतरी करने की संभावना है। इसका दबाव अंतर्राष्ट्रीय शेयर बाजार पर रहेगा। साथ ही अगले सप्ताह रिलायंस, हिंदुस्तान यूनीलीवर, इंडसइंड बैंक, टाटा कम्युनिकेशंस, विप्रो, बंधन बैंक और आईडीबीआई जैसी दिग्गज कंपनियों के चालू वित्त की पहली तिमाही के परिणाम आने वाले हैं। इन कारकों का असर बाजार पर देखा जा सकेगा।
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