मुख्य सचिव की अध्यक्षता में नाबार्ड के आरआईडीएफ़ से वित्त पोषित परियोजनाओं से सम्बन्धित हाई पावर कमेटी की द्वितीय समीक्षा बैठक संपन्न
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लखनऊ : मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में नाबार्ड के ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ़) से वित्त पोषित परियोजनाओं से सम्बन्धित वित्तीय वर्ष 2023-24 की द्वितीय हाई पावर कमेटी की समीक्षा बैठक संपन्न हुई। अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने आरआईडीएफ के तहत 3500 करोड़ रुपये से अधिक संवितरण होना संभावित है, इसलिये 2000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन का प्रस्ताव मुख्यालय प्रेषित किया जाये। उन्होंने कहा कि 2277 करोड़ रुपए के विचाराधीन प्रस्तावों का परीक्षण कर नाबार्ड द्वारा शीघ्र स्वीकृतियां जारी की जाएं।
उन्होंने कार्यान्वयन विभागों से कहा कि आरआईडीएफ के तहत स्वीकृत परियोजनाओं के कार्यों में तेजी लायी जाये। सम्बन्धित विभागों द्वारा स्वीकृति हेतु परियोजनाओं को शीघ्र नाबार्ड को प्रेषित किया जाये। बैठक में बताया गया कि आरआईडीएफ के तहत राज्य को स्वीकृति के लिए 2000 करोड़ रुपये का आवंटन हुआ था, जिसके सापेक्ष 2094 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की गई। लक्ष्य के सापेक्ष 1202 करोड़ रुपए का संवितरण किया जा चुका है। इनमें लोक निर्माण विभाग को ऋण के रूप में सड़कों के लिए 618.54 करोड़ रुपए तथा पुल निर्माण के लिए 331.1 करोड़ रुपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है, 34.87 करोड़ रुपए के प्रस्ताव विचाराधीन हैं। इसी प्रकार सिंचाई विभाग के 1081.96 करोड़ रुपए तथा पशुपालन विभाग को 63.02 करोड़ रूपए का आरआइडीएफ के अंतर्गत ऋण स्वीकृत किया गया है।
बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव पीडब्ल्यूडी अजय चौहान, प्रमुख सचिव सिंचाई अनिल गर्ग सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे। इसके अलावा नाबार्ड की तरफ से मुख्य महाप्रबंधक एस के डोरा, उप महाप्रबंधक अखिलेश श्रीवास्तव, सहायक महाप्रबंधक श् संजीव कुमार, सहायक महाप्रबंधक डॉ. राजीव नंदन, सहायक प्रबन्धक नंदिनी पाण्डेय एवं नवीन चंद जोशी आदि बैठक में उपस्थित थे।
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