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स्वतंत्रता सेनानी बुद्धन सिंह को 53 वीं पुण्यतिथि में किया गया नमन

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कयूम खान
लोहरदगाः जिले के अग्रणी स्वतंत्रता सेनानी तथा सामाजिक कुरीतियों के प्रबल विरोधी 1932-1942 में जेल यात्रा के साक्षी रहे शहर के स्व. बुद्धन सिंह को53 वीं पुण्यतिथि पर बुद्धन सिंह लेन स्थित प्रतिमा पर शहर के आम व खास लोगों ने माल्यार्पण कर श्रद्धा सुमन अर्पित कीं। बता दें कि अंग्रेजी हुकूमत ने उन पर स्थानीय डाकघर, कोयल नदी पर रेलवे पुल को बम से उड़ाने की साजिश, लोहरदगा थाना, बड़ा पोस्ट ऑफिस, नदिया स्कूल का घेराव, प्रदर्शन, तिरंगा फहराने जैसे आरोप में देशद्रोह के मुकदमे में जेल गए। वर्ष 1940 में रामगढ़ कॉन्ग्रेस अधिवेशन में डॉ राजेंद्र बाबू के शर्त के अनुसार जो भी नियमित खादी धारी होगा, वही मेरे वाहन को चलाकर मुझे मंच तक  पहुंचाएगा, जिसमें नियमित खादी धारी स्वर्गीय सिंह को यह मौका मिला।
1952 को लोहरदगा में आयोजित आदिम सेवा मंडल के कार्यक्रम में आए तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद ने बुधन सिंह से विशेष रुप से भेंट की। स्थानीय ठाकुरबाड़ी में हरिजनों के प्रवेश  प्रतिबंध पर उन्होंने संघर्ष करके व कानूनी लड़ाई जीत कर प्रवेश दिलाया।श्रद्धा सुमन अर्पित करने वालों में शरद चंद्र आर्य, मदन मोहन पांडे, सच्चिदानंद लाल अग्रवाल, मनीर उरांव, बृज बिहारी प्रसाद, निशित जयसवाल, राकेश प्रसाद, प्रो शिरीष केसरी, सुधीर अग्रवाल अजय मित्तल, राजकिशोर महतो, अनिल पांडे,  श्रीचंद्र प्रजापति, दिनेश पांडे, शशि वर्मा, कंवलजीत सिंह, संजय बर्मन, चंद्र किशोर प्रसाद, उमेश कांस्यकार, मोहम्मद फिरोज शाह, चंद्रशेखर मेहता, राजेश महतो, मोहम्मद रिजवान, दीपक सर्राफ, विनोद सोनी, राहुल कुमार, सुरेश ठाकुर, निधि कांत प्रसाद, सरोज प्रजापति, ओम साहू, संजीव साहू, उदय केसरी आदि शामिल थे। वही परिवार के कृष्णा सिंह, गोपाल सिंह, ओमप्रकाश सिंह, विजय सिंह, जितेंद्र सिंह, नीलय सिंह, डब्लू सिंह, रितिक सिंह ने भी श्रद्धा सुमन अर्पित कर शीष नेवाए।
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