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साहब का खबरी जमकर कर रहा अवैध रिकवरी

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    राम प्रसाद सिन्हा
    पाकुड़।देश मंदी के दौर से गुजर रहा,विपक्षी पार्टियां महंगाई एवं बेरोजगारी के मुद्दे को लेकर अपनी आवाज बुलंद कर रहा, कारोबारी लालफीताशाही का शिकार होकर कारोबार के ठप होने का रोना रो रहा ,श्रमिक संगठन मजदूरो के पलायन की कहानी बयां कर रहा और पत्थर व्यवसायी नियमो कानूनों के नाम पर व्यवसाय प्रभावित होने की बात कर अपना दुखड़ा सुना रहा लेकिन इसी दौर में साहब का खबरी अवैध कारोबार में शामिल लोगों से खूब रिकवरी कर रहा है।अपने इस साहब के खबरी ने पाकुड़ एवं साहिबगंज के लगभग छह थाना क्षेत्रो में इतनी पकड़ मजबूत कर ली है कि बिना इसे चढ़ावा चढ़ाए चाहे अवैध खदान,क्रशर ही नही लोहा लक्कड़,लॉटरी बेचने वाले चैन से नही रह सकते,क्योंकि कुछ खास साहबों का इसे पूरी खुली छूट जो मिली हुई है।वैसे यह साहब का खबरी पहले इलाकों में चल रहे अवैध कारोबार करने वालों से खुद के लिए रिकवरी का काम किया करता था लेकिन जब से कुछ चहेते पुरुषार्थ वाले साहब को एरिया मिला तो इन्होंने इस खबरी को अपना मुखबिर बनाया और फिर जमकर रिकवरी का खेल शुरू हुआ।इस खबरी ने सबसे पहले नन बैंकिंग कम्पनियों को अपना शिकार बनाने के साथ ही साहब के लिए अतिरिक्त जुगाड़ कराने का इंतजाम किया।जब साहब का पॉकेट गरम होना शुरू हुआ तो इस खबरी का दायरा एवं जिम्मेदारी भी बढ़ा।एक थाना क्षेत्र से दायरा बढ़ते बढ़ते आज छह एरिया में र्रिकवरी को जरिया इस खबरी ने बना लिया है।इस खबरी को जिसने खुश नही किया उसे लुटेरा एवं जिसने खुश कर दिया उसे साधु सन्यासी तक की उपाधि से नवाजने में भी कोई कोर कसर नही रखा जाता।इतना ही नही जब साहब को किसी खास प्रयोजन के लिए किसी से मुद्रामोचन की जरूरत पड़ी तो यही खबरी माहौल बनाने एवं वसूली कराने में बड़ा किरदार भी निभाता है।वैसे किसी झुट झमेला में फंसे लोगो को बचाने के साथ ही किसी को झुट झमेला में फंसाने में भी अपना यह खबरी महारत हासिल किए हुए है आखिर साहब का खबरी जो ठहरा।कुछ इलाकों में तो इस खबरी से मिले बिना साहब को सुकून तक नही मिलता। साहब के इस खबरी का वैसे राशन डीलर,मनरेगा से जुड़े रोजगार सेवक , जहां सोच वही सौचालय सहित कई लोग शिकार अबतक हुए है।बहरहाल साहब का यह खबरी ग्रामीण ही नही सहरी इलाकों में भी खूब र्रिकवरी कर रहा है।लोग इस खबरी से खूब परेशान है लेकिन करें तो क्या करें आखिर साहब का वरदहस्त जो इसे मिला हुआ है।कभी कभी साहब भी अपने इस खबरी का इस्तेमाल खुद की स्पेसल र्रिकवरी के लिए कर रहे हैं।बहरहाल यह खबरी साहब के नाम पर अपना चेहरा चमकाने के साथ ही मंहगाई,बेरोजगारी,मंदी के इस दौर में भी अपनी विशेष कला का प्रदर्शन कर जमकर र्रिकवरी कर रहा भले इससे प्रताड़ित लोग उह करे या आह।
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