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पाकुड: कोरोना संक्रमण हो या सुखाड़ के दौरान जरूरतमंदों की सेवा में अपने सामाजिक दायित्वों को निभाने त्योहार में गरीबो की मदद करने पाकूड एवं पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल में लोगो की जरूरतों को पूरा करने के लिए मलेशिया में डॉक्टरेट की उपाधि पाने वाले पत्थर व्यवसायी लुत्फुल हक को सम्मान समारोह का आयोजन कर सम्मानित किया गया. जिला मुख्यालय के गुरुदेव कोचिंग सेंटर में सारस्वत स्मृति मंच ने कार्यक्रम आयोजित्त कर लुत्फुल हक को सम्मानित किया. मंच के रामरंजन कुमार सिंह,भागीरथ तिवारी,डॉ मनोहर कुमार,पत्रकार कृपा सिंधु बच्चन ने श्री हक को मोमेंटो प्रशस्ति पत्र देकर एवं शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया. मौके पर मंच के सचिव रामरंजन कुमार सिंह ने कहा कि व्यवसाय के साथ ही न केवल अपने व्यवसायिक क्षेत्र के ग्रामीनों बल्कि जिले के जरूरत मन्दो को मदद करने में लुत्फुल हक़ ने हमेशा रुचि दिखायी बल्कि कोरोना महामारी एवं सुखाड़ जैसे मौके पर इन्होंने जो काम किया सराहनीय है. उन्होंने कहा कि कारोबार के साथ ही लोगो के दुख दर्द को अपना दर्द समझते हुए लुत्फुल हक ने अपने सामाजिक दायित्व की जो मिशाल कायम की उसी का नतीजा है कि पहले अमेरिका की ग्लोबल ह्यूमन राइट्स काउंसिल ने इंडो ग्लोबल एक्सीलेंस अवार्ड और मलेशिया में डॉक्टरेट की उपाधि दी गयी जो पाकूड एवं झारखण्डवासियों के मान समान को बढ़ावा मिला. मंच के मौजूद प्रतिनिधियों ने लुत्फुल हक के प्रयासों की सराहना किया. अपने संबोधन में व्यवसायी श्री हक ने कहा कि हमने गरीबी को करीब से देखा एवं महसूस किया है. और इसलिए जरूरतमंदों के लिए कुछ करने का प्रयास किया. ज्ञात हो कि श्री हक ने टीबी हारेगा भारत जीतेगा अभियान के तहत 60 टीबी मरीजों को गोद लिया एवं उन्हें छह माह का निक्षय पोषण किट मुहैया कराया. ठंड के मौसम में हजारों लोगों को प्रतिवर्ष कम्बल भी मुहैया कराने का काम करने,अपने व्यवसायिक क्षेत्र के लोगो को स्वस्थ रखने के लिए मेडिकल कैम्प लगाने का भी काम इन्होंने किया.
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