Live 7 Bharat
जनता की आवाज

टला युद्ध : यूक्रेन के पास तैनात ठिकानों से लौटने लगे रूसी सैनिक!

- Sponsored -

जर्मनी से बातचीत के बाद लिया गया फैसला
मास्को :रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने की आशंका के बीच एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, समाचार एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि जर्मनी से बातचीत के बाद यूक्रेन के पास तैनात ठिकानों से रूसी सैनिक वापस आने लगे हैं। रूस के कदम खींचने के पीछे एक और वजह पश्चिमी देशों का एकजुट होकर एक गहन राजनयिक प्रयास को आगे बढ़ाना है। बता दें कि मास्को द्वारा यूक्रेन की सीमाओं के पास 100,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बाद हमले की आशंका और बढ़ गई थी जिसने अमेरिका के साथ-साथ कई देशों की नींद उड़ा दी। कई देशों का कहना है कि अगर रूस हमला करता है तो यूक्रेन के साथ-साथ कई देश तबाह हो जाएंगे।इस बीच, जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉल्ज ने रूस को चेतावनी देते हुए कहा था कि वह तनाव बढ़ाकर पश्चिमी सहयोगियों के सब्र का इम्तिहान न ले। उन्होंने कहा कि हम सभी के लिए यह नाजुक स्थिति है। रूस हमारी एकता को कमजोर न समझे। हम योरपीय संघ व नाटो के साथ एकजुट हैं। स्कॉल्ज ने यह भी कहा कि हम हमारे सहयोगियों की चिंताओं को बहुत गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने बाल्टिक देशों के नेताओं की मौजूदगी में ये बातें कहीं। बाल्टिक नेता चर्चा के लिए जर्मनी में हैं।

- Sponsored -

अगर युद्ध होता है तो दुनिया में बढ़ेगी महंगाई
गौरतलब है कि रूस नेचुरल गैस का सबसे बड़ा सप्लायर है और क्रूड आॅयल उत्पादन में भी इसका हिस्सा काफी ज्यादा है। रिपोर्ट के अनुसार, रूस वैश्विक मांग का लगभग 10 फीसदी उत्पादन करता है। दोनों देशों के बीच युद्ध शुरू होने के कारण जाहिर है कि क्रूड आॅयल और नेचुरल गैस की सप्लाई पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा और ईंधन की कीमतों में आग लग जाएगी। बता दें कि यूरोप की निर्भरता रूस पर अधिक है। यूरोप में 40 फीसदी से ज्यादा गैस रूस से ही आती है। इसका सीधा असर आम आदमी पर होगा। युद्ध की आहट के बढ़ी चिंताओं का असर पहले से ही क्रूड आॅयल के दामों के साथ-साथ शेयर बाजारों पर भी दिख रहा है। भारतीय शेयर बाजार में भी बीते दिनों से भारी गिरावट देखने को मिली है।

नॉर्ड स्ट्रीम 2 को लेकर क्या है अमेरिका की धमकी?
यूक्रेन पर हमले के खतरे को देखते हुए अमेरिका और यूरोप के कई देशों ने भी रूस की सीमा पर अपने सैनिकों की तैनाती कर दी है। इसके अलावा नाटो गठबंधन में शामिल देश भी रूस को रोकने के लिए पूर्वी यूरोप में हथियार और सैनिकों को जुटा रहे हैं। हालांकि, रूस को यूक्रेन पर हमला करने से रोकने में इन कदमों को नाकाफी माना जा रहा है। ऐसे में अमेरिकी राष्ट्रपति ने सीधा रूस से जर्मनी तक जाने वाली नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन को लेकर बयान जारी किया है। बाइडन ने कहा कि अगर यूक्रेन पर हमला हुआ तो रूस की अहम गैस पाइपलाइन नॉर्ड स्ट्रीम 2 को रोक दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि रूस और जर्मनी के बीच बनी इस पाइपलाइन को रोकन से न केवल रूस को नुकसान होगा, बल्कि जर्मनी की भी मुश्किलें बढ़ेंगी। इस पाइपलाइन का निर्माण पूरा हो चुका है, लेकिन अभी चालू नहीं किया गया है।

Looks like you have blocked notifications!

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.

Breaking News: