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नयी दिल्ली, 25 फरवरी (वार्ता) रूस- यूक्रेन युद्ध संकट में फंसे हजारों भारतीयों की सलामती, सुरक्षित वापसी एवं बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराने की मांग को लेकर उच्चतम न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिकाकर्ता वकील विशाल तिवारी ने उच्चतम न्यायालय से केंद्र सरकार को तत्काल आवश्यक डिप्लोमेटिक कदम उठाने के निर्देश देने की गुहार लगाई है।
यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गए विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर विशेष तौर पर चिंता व्यक्त की गई है। पढ़ाई एवं नौकरी एवं अन्य कार्यों से यूक्रेन गए लोगों के वहां से भारत लौटने की कोई व्यवस्था नहीं है। हजारों की संख्या में विद्यार्थी समेत अन्य लोग वहां फंसे हुए हैं। संकट के इस हालात में वहां के भारतीयों की सलामती से लेकर खान-पान एवं दवा- चिकित्सा की व्यवस्था का एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। ऐसे हालात में केंद्र सरकार डिप्लोमेटिक माध्यम से आवश्यक कदम उठाएं ताकि समय जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई जा सके।
याचिकाकर्ता ने युद्ध की स्थिति को देखते हुए मेडिकल क्षेत्र में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई है। विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई एवं शिक्षा से संबंधित सुविधाएं कराने के लिए आवश्यक निर्देश सरकार को देने की गुहार लगाई है।
याचिका में कहा गया है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों की सुरक्षा, उनकी सुरक्षित वापसी की व्यवस्था एवं उनके लिए बुनियादी जरूरतों का ख्याल रखना सरकार की संवैधानिक जिम्मेदारी है। सरकार इससे नहीं बच सकती।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से चल रहे है आपसी विवाद के बाद रूस ने यूक्रेन पर हमला बोल दिया है। रोज-रोज आ रही गोलाबारी की खबरों से यूक्रेन में रह रहे भारतीयों के परिजन यहां उनकी सलामती को लेकर बेहद चिंतित हैं।
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