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वाशिंगटन : अमेरिका ने रूस पर मीडिया की आवाज को दबाने और यूक्रेन पर उसके क्रूर हमले का सच छुपाकर गुमराह करने का आरोप लगाया है। अमेरिका के विदेश विभाग की ओर से बुधवार को जारी बयान में कहा गया, ‘‘रूस ने बिना किसी उकसावे की कार्रवाई के यूक्रेन पर युद्ध थोपा है और वह अब अपने घर में ही लोगों को यूक्रेन हमले से जुड़ी सही जानकारी न देने के मकसद से मीडिया की आवाज दबाने में लगा है। ऐसा करके वह सच को छिपाने का हर संभव प्रयास कर रहा है।’’ रूस के महाधिवक्ता ने एक मार्च को संचार प्राधिकरण रॉसकॉम नादजॉर को निर्देश दिया कि वह रेडियो इको मॉस्कोव और डोजद टीवी के प्रसारण और उनकी वेबसाइट पर रोक लगा दे। जनता के बीच अपनी निष्पक्ष खबरों के लिए पहचाने जाने वाले इन संस्थानों पर अतिवादी गतिविधियों और ंिहसा को बढ़ावा देने के साथ ही यूक्रेन में रूसी सैनिकों की कार्रवाई के बारे में जानबूझकर झूठी जानकारी साझा करने जैसे निराधार आरोप लगाये गये हैं।
बयान में कहा गया कि इको मॉसकोव अपनी स्थापना वर्ष से लेकर पिछले 32 वर्षों में अपनी निष्पक्ष ब्रेंिकग खबरों के लिए प्रसिद्ध है। कल तक रूस और इसके बाहरी इलाकों में 18 लाख लोगों के बीच यह सुना जाता था। डोजद एक दशक से भी अधिक समय से उच्च गुणवत्ता वाली रिपोर्टिंग के लिए जाना जाता है।
रूस अपने यहां की मीडिया ही नहीं, विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटों फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर का भी गला दबाने का काम कर रही है जिसका इस्तेमाल हजारों-लाखों रूसी स्वतंत्र रूप से जानकारी हासिल करने, किसी विषय विशेष पर सहमति बनाने और एक दूसरे से साथ ही दुनिया भर के लोगों से जुड़ने के लिए करते हैं। इन संचार माध्यमों पर भी रूस ने आंशिक प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसे में रूसी लोग यूक्रेन में उनके देश की सेना द्वारा किये गये हमले की सच्चाई से जुड़े सबूतों को कहां से और कैसे देख तथा हासिल कर पायेंगे, साथ ही वह इस तरह की जानकारी को एक दूसरे के साथ किस तरह साझा कर पायेंगे।
बयान में कहा गया कि रॉसकॉम नादजॉर और वॉयस आॅफर रशिया को धमकाया जा रहा है कि अगर रूसी हमले की रिपोर्टिंग को रोकते नहीं हैं तो उनके आॅनलाइन प्लेटफार्मों को रोक दिया जायेगा।
हमले का फैसला श्री पुतिन का था रूस का नहीं, ऐसे में रूसी नागरिकों को यह जानने का पूरा अधिकार है कि उनके देश की सरकार ने यूक्रेन पर जो युद्ध थोपा है, उसके कारण यूक्रेनी किस तरह बेवजह मारे जा रहे हैं और उनके देश को अकारण बरबाद किया जा रहा है।
बयान में यह भी कहा गया, ‘‘हम रूसी राष्ट्रपति पुतिन से अपील करते हैं कि विश्व के प्रति उनकी प्रतिबद्धताओं और दायित्वों को ध्यान में रखते हुए वह तुरंत प्रभाव से युद्ध को रोकें और यूक्रेन की सीमा से अपनी सेनाओं को बाहर निकालें। साथ ही अपने नागरिकों के मानवाधिकारों तथा मौलिक आजादी को सम्मान दें।’
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