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जदयू के साथ राजनीतिक गठजोड़ नहीं करेगा राजद

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पटना : जनता दल यूनाइटेड (जदयू) में मचे घमासान के बीच बिहार की मुख्य विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने आज स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी जदयू के साथ राजनीतिक गठजोड़ नहीं करेगी।
राजद के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री जगदानंद सिंह ने सोमवार को यहां कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मिलकर राजद सरकार नहीं बना रही है। श्री कुमार से बिहार में सरकार बनाने को लेकर अब तक कोई बात नहीं हुई है। जदयू और राजद के बीच गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने बिहार में श्री कुमार और प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ आने की संभावना को सिरे से खारिज कर दिया।
श्री सिंह ने कहा कि सोमवार को राजद विधायक और सांसदों की होने वाली बैठक का मकसद पार्टी के संगठन को मजबूत करना है। विधानसभा चुनाव वर्ष 2024 और लोकसभा चुनाव वर्ष 2025 से जुडी तैयारियों को लेकर राजद ने यह बैठक बुलाई है। आने वाले समय में किस प्रकार से पार्टी बिहार में खुद को सबसे बड़े दल के रूप में स्थापित करे, कैसे सबसे ज्यादा सीटें जीते, इसे लेकर राजद के विधायकों और सांसदों की बैठक होगी। इस बैठक का किसी नए सियासी समीकरण से कोई मतलब नहीं है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि पार्टी अभी से आने वाले समय में दल को मजबूत करने और अपने जनाधार को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है। ऐसे में हम मुख्यमंत्री श्री कुमार के साथ मिलकर सरकार बनाने की किसी योजना पर काम नहीं कर रहे हैं। बिहार में राजद और जदयू की गठबंधन सरकार बनाने को लेकर श्री कुमार से कोई बात नहीं हुई है। यह कयासबाजी कहां से शुरू हुई और कौन लोग इसके पीछे हैं हमें नहीं पता। दरअसल, ऐसी संभावना जताई जा रही है कि श्री कुमार जल्द ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से नाता तोड़ सकते हैं और राजद के साथ मिलकर राज्य में नई सरकार बनाने को लेकर तैयारी में जुटे हैं। इसे लेकर मंगलवार को होने वाली जदयू की बैठक में बड़ा निर्णय लिया जा सकता है। इस बीच सोमवार को राजद की बैठक है। वहीं, कांग्रेस और वाम दल सहित हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने भी पार्टी की बैठक बुलाई है। इसलिए बिहार में अचानक से इन बैठकों के होने से सियासी सरगर्मी बढ़ गई है। ऐसे में अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष श्री सिंह के बयान ने इसे नया रुख दे दिया है। उन्होंने राज्य में सत्ता परिवर्तन की संभवना को खारिज कर दिया है। अब अगले 48 घंटे बिहार की राजनीति के लिए बेहद खास होगा क्योंकि इस दौरान सभी दलों की होने वाली बैठक में क्या निर्णय होता है उसी से बिहार की राजनीति के नए समीकरण का भविष्य तय होगा।

 

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