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उत्तराखंड के कुमाऊं में कई दिनों से हो रही बरसात आज भी आफत लेकर आई। उत्तराखंड को जिलों में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। मंडल के पहाड़ी इलाके खतरे में आ गये हैं। खबर आई है कि अल्मोड़ा में मकान ढहने से एक व्यक्ति की दबकर मौत हो गयी। कुछ पशु भी मलबे में दब गए हैं। यहां के पांच जिलों में 124 सड़कें बंद पड़ी हैं।
अल्मोड़ा जिला आपदा प्रबंधन केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार सल्ट तहसील के ग्राम पीपना में रविवार रात को हुई अतिवृष्टि के चलते एक मकान ढह गया। जिससे मलबे में एक व्यक्ति व कुछ मवेशी दब गये। उस व्यक्ति की मौत हो गयी और उसका शव बरामद कर लिया गया। मौके पर सल्ट थाना की पुलिस व राजस्व कर्मी राहत व बचाव कार्य में जुटे हैं।
इसके अलावा जनपद में 13 सड़कें बंद हैं। भनोली और रानीखेत तहसील में भी आठ मकान क्षतिग्रस्त हो गये और कई खतरे की जद में आ गये हैं। यहां अल्मोड़ा-पनार-मकड़ाव राष्ट्रीय मार्ग के अलावा तीन राज्य मार्ग व 9 ग्रामीण मार्ग बंद पड़े हैं। यही नहीं कोसी बैराज का जलस्तर बढ़ने से प्रशासन की चिंता बढ़ गयी है। पानी की निकासी के लिये फिलहाल पांच गेट खोले गये हैं।
सीमांत पिथौरागढ़ जनपद में अतिवृष्टि के चलते काफी नुकसान हुआ है। यहां कुल 26 सड़कें अवरूद्ध हो गयी हैं। चीन सीमा को जोड़ने वाले सात बार्डर मार्ग अवरूद्ध हो गये हैं। कुल मिलाकर पिथौरागढ़ का चीन सीमा से संपर्क कटा हुआ हैै।
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चीन सीमा को जोड़ने वाले बार्डर मार्गों में गाला-जिप्ती, तवाघाट-घटियाबगड़, तवाघाट-सोबला, पिथौरागढ़-जौलजीवी, घटियाबगड़-लिपूलेख, गुंजी-कुटी-ज्योलिंकांग व जौलजीवी-मुनस्यारी शामिल हैं। इनके अलावा घाट-पिथौरागढ़, रामगंगा पुल-मुनस्यारी राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ ही थल-मुनस्यारी राज्य मार्ग भी मलबा आने से कई जगह बंद हैं।
जनपद में नदियों का जलस्तर भी ऊफान पर है। काली नदी का जल स्तर काफी बढ़ गया है। प्रशासन ने नदी के किनारे रह रहे लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। साथ ही नदी किनारे व पुलों के आसपास जाने की सलाह नहीं दी है।
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चंपावत जिले में भी अतिवृष्टि का भी काफी असर पड़ा है। यहां 22 सड़कें अवरूद्ध हैं। बारिश के चलते सबसे अधिक प्रभावित एनएच -09 हुआ है। यहां कई जगह मलबा आया है। प्रशासन व एजेंसिंया लगातार मार्ग को खोलने में जुटे हैं लेकिन लगातार हो रही बरसात इसमें आड़े आ रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में 21 सड़कें बंद पड़ी हैं। फलस्वरूप लोगों के दुश्वारियां बढ़ने लगी हैं।
बरसात का असर नैनीताल जनपद में भी पड़ा है। अतिवृष्टि के चलते हुए भूस्खलन से कुल 62 सड़कें अवरूद्ध हैं। जिससे यातायात व आवाजाही बाधित हुई है। इनमें ज्योलिकोट-खैरना-क्वारब राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा रामनगर तल्लीसेठी, गर्जिया बेतालघाट, काठगोदाम-सिमलिया बैंड, धानाचूली-ओखलकांडा-खनस्यू, रामनगर-भंडारपानी, जहना-रिची, गर्जिया-बेतालघाट-ओड़ाखान छह राजमार्ग बंद हो गये हैं। इनके अलावा दो जिला मार्ग के अलावा 53 ग्रामीण सड़कें भी बंद पड़ी हैं।
जिले में नदियों व गाड-गधेरे भी ऊफान पर हैं। गौला, कोसी, नंधौर नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है। शेर नाला लगातार खतरे की चेतावनी दे रहा है। नैनीताल शहर में नैनी झील का जलस्तर भी सामान्य से काफी ऊपर पहंुच गया है।
हल्द्वानी और सितारगंज के बीच बहने वाला शेरनाला में आज बड़ी अनहोनी होने से टल गयी। एक रोडवेज की बस शेरनाला पार करते वक्त बीच में फंस गयी। खचाखच भरी बस से यात्रियों की मुश्किल बढ़ गयी। बड़ी मुश्किल से बस बाहर निकली और किसी तरह से यात्रियों को जान बच सकी।
पुलिस और प्रशासन ने काठगोदाम, रामनगर और लालकुआं क्षेत्र में नदियों के किनारे रह रहे लोगों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये हैं। साथ ही अधिकारियों को स्थिति पर नजर बनाये रखने को कहा है।
बागेश्वर में फिलहाल सड़क नामतीचेटाबगड़ मोटर मार्ग से मलबा आने के वजह से बंद है। साथ ही यहां पर कुछ पीनेवाले पानी की लाइनों को भी नुकसान हुआ है।
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