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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों मिला सिमडेगा को भूमि सम्मान

देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण- राष्ट्रपति

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अपर समाहर्ता अमरेंद्र कुमार तथा अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार ने किया सिमडेगा जिला का प्रतिनिधित्व

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रविकान्त मिश्रा 

दिल्ली / सिमडेगा : मंगलवार को सिमडेगा जिले के अध्याय में और एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई, जिसमे सिमडेगा ज़िले को भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा भूमि सम्मान से नवाजा गया । इस मौके पर सिमडेगा जिले का प्रतिनिधित्व कर रहे सिमडेगा जिला के अपर समाहर्ता अमरेंद्र कुमार सिन्हा तथा अनुमंडल पदाधिकारी महेंद्र कुमार ने भूमि सम्मान राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के हाथों ग्रहण कर जिले का मान बढ़ाया।

 

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इस अवसर पर राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि भूमि रिकॉर्ड का डिजिटलीकरण देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि देश के समग्र विकास के लिए ग्रामीण विकास में तेजी लाना आवश्यक है। ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए भूमि अभिलेखों का आधुनिकीकरण एक बुनियादी आवश्यकता है, क्योंकि अधिकांश ग्रामीण आबादी की आजीविका भूमि संसाधनों पर निर्भर है। ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास के लिए एक व्यापक एकीकृत भूमि प्रबंधन प्रणाली अत्यंत महत्वपूर्ण है।राष्ट्रपति ने कहा कि डिजिटलीकरण से पारदर्शिता बढ़ती है। भूमि अभिलेखों के आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण से देश के विकास पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ेगा। भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण और विभिन्न सरकारी विभागों के साथ इसके जुड़ाव से कल्याणकारी योजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। बाढ़ और आग जैसी आपदाओं के कारण दस्तावेजों के नुकसान की स्थिति में भी यह बहुत मददगार होगा।

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राष्ट्रपति को यह जानकर खुशी हुई कि डिजिटल इंडिया भूमि सूचना प्रबंधन प्रणाली के तहत, एक विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या प्रदान की जा रही है, जो आधार कार्ड की तरह उपयोगी हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह संख्या भूमि के समुचित उपयोग के साथ-साथ नई कल्याणकारी योजनाओं को बनाने और लागू करने में मदद करेगी। ई-कोर्ट को भूमि रिकॉर्ड और पंजीकरण डेटा-बेस से जोड़ने से कई लाभ होंगे। डिजिटलीकरण से जो पारदर्शिता आ रही है, उससे जमीन संबंधी अनैतिक और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगेगा।राष्ट्रपति ने कहा कि भूमि संबंधी जानकारी मुफ्त और सुविधाजनक तरीके से मिलने से कई फायदे होंगे। उदाहरण के लिए इससे भूमि के स्वामित्व और उपयोग से संबंधित विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश की एक बड़ी आबादी जमीन से जुड़े विवादों में उलझी हुई है और इन मामलों में प्रशासन और न्यायपालिका का काफी समय बर्बाद होता है। डिजिटलीकरण और सूचना के जुड़ाव के माध्यम से लोगों और संस्थानों की ऊर्जा, जो विवादों को सुलझाने में खर्च होती है, का उपयोग विकास के लिए किया जाएगा।

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