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पूर्वी सिंहभूम जिले में 18 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया गया. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय और सूचना और प्रसारण मंत्रालय एल मुरुगन, मंत्री बन्ना गुप्ता स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण तथा आपदा प्रबंधन विभाग, सांसद विद्युत वरण महतो, निदेशक उद्योग अरवा राजकमल आदि शामिल हुए.
कार्यक्रम की शुरुआत में सभी गणमान्य अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ भेंट कर किया गया. जिसके बाद अंतिम व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाने के उदेश्य से मंचासिन सभी गणमान्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की गई.
उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने कहा कि यह योजना पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और उन्नत उपकरण प्रदान करने के लिए शुरू की जा रही है. योजना के लाभों की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि योजना के तहत लाभार्थियों को आधारभूत कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा. योजना के अंतर्गत चलने वाले प्रशिक्षण के दौरान उन्हें 500 रुपये प्रति दिन का स्टाइपेंड दिया जायेगा.
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प्रशिक्षण पूरा होने के बाद, उन्हें 15,000 रुपये का टूल किट दिया जाएगा. इसके अलावा, उन्हें पहले चरण में 1 लाख रुपये का ऋण और दूसरे चरण में 2 लाख रुपये तक का ऋण 5 प्रतिशत ब्याज दर से दिया जायेगा. यह ऋण कोलेटरल फ्री ऋण के रूप में दिया जाएगा. साथ ही पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराये जायेंगे. योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित है. जिसमें कारपेंटर, नाव बनाने वाले, अस्त्र बनाने वाले, लोहार, ताला बनाने वाले, हथोडा और टूल किट बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, मोची, राजमिस्त्री, डालिया, चटाई, झाड़ू बनाने वाले, गुडिया और खिलौना बनाने वाले सहित कई लोग हैं.
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कार्यक्रम में माननीय सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि भगवान विश्वकर्मा के सम्मान में शुरू की जा रही प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना एक ऐतिहासिक योजना है. यह योजना भारत के पारंपरिक शिल्प और कारीगरों को नई पहचान दिलाएगी. बन्ना गुप्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पूर्वी सिंहभूम जिले के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है. उन्होंने कहा कि जिस तरह मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना व फूलो झानों योजना के अंतर्गत राज्य स्तर में उन्नत कार्य किया गया है उसी तरह इस योजना के तहत भी श्रेष्ठ कार्य कर जिले के पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को विकास की नई ऊंचाईयों तक ले जाने में कार्य किया जायेगा.
कार्यक्रम के अंत में उप विकास आयुक्त द्वारा सभी गणमान्य अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर आभार व्यक्त किया गया. अनुमंडल पदाधिकारी धालभूम पीयूष सिन्हा ने अपना धन्यवाद ज्ञापन देते हुए आए सभी गणमान्य अतिथियों, पदाधिकारिओं, मीडिया बंधुओं, कारीगरों और कर्मियों का धन्यवाद दिया गया.
मुख्य बिंदु:
- प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्पकारों और कारीगरों को आर्थिक सहायता और उन्नत उपकरण प्रदान करने के लिए शुरू की गई है.
- योजना के तहत लाभार्थियों को आधारभूत कौशल प्रशिक्षण, 15,000 रुपये का टूल किट, 1 लाख रुपये का ऋण और पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र उपलब्ध कराया जाएगा.
- योजना के अंतर्गत 18 पारंपरिक विधाओं में कार्य करने वाले कारीगर और शिल्पकार सम्मिलित है.
- पूर्वी सिंहभूम जिले में 18 सितंबर 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना का शुभारंभ किया गया.
योजना के संभावित लाभ:
- पारंपरिक शिल्प और कारीगरों को आर्थिक सहायता और उन्नत उपकरण प्राप्त करने में मदद मिलेगी.
- पारंपरिक शिल्प और कारीगरों को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें नई पहचान मिलेगी.
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