- Sponsored -
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक के मामले में सुनवाई जारी है।चीफ जस्टिस आॅफ इंडिया एन वी रमना के अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने अपना पक्ष रखना शुरू कर दिया है। मामले की सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें आज सुबह 10:00 बजे प्रधानमंत्री की सुरक्षा से जुड़े दस्तावेज मिले हैं। इस मामले में पंजाब सरकार के वकील ने कहा कि हमारे अधिकारियों को 7 कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। उन्हें कोई अपनी बात रखने का मौका नहीं मिला, जब कमेटी की जांच पर रोक है तो फिर कारण बताओ नोटिस जारी करने का क्या औचित्य है?
- Sponsored -
पंजाब सरकार के सीनियर एडवोकेट डीएस पटवालिया ने कहा कि उन्हें केंद्र की कमेटी पर भरोसा नहीं है, इसलिए कोर्ट अपनी ओर से कमेटी का गठन करे। पंजाब सरकार के वकील ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट चाहता है तो इस मामले में अलग से जांच कमेटी का गठन कर दे। हम उस कमेटी में सहयोग करेंगे, लेकिन हमारी सरकार और हमारे अधिकारियों पर अभी आरोप ना लगाया जाए। उन्होंने आगे कहा कि केंद्र कि इस मामले की सरकार द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं होगी। कृपया एक स्वतंत्र समिति नियुक्त करें, और हमें निष्पक्ष सुनवाई दें।
वहीं केद्र सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केंद्र सरकार की समिति की ओर से कार्यवाही रुकने से पहले ही डीजी और पंजाब के मुख्य सचिव को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए थे। उनका कहना है कि समिति ने कोई सुनवाई नहीं की।
पिछली सुनवाई में शीर्ष अदालत ने पीएम के पंजाब दौरे से संबंधित सभी दस्तावेज सुरक्षित रखने और केंद्र एवं राज्य सरकार की जांच को रोकने का आदेश दिया था। वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने यह याचिका दायर की है। बता दें कि पांच जनवरी को प्रधानमंत्री को पंजाब के फिरोजपुर में रैली को संबोधित करना था। उससे पहले उन्हें हुसैनीवाला में राष्ट्रीय स्मारक भी जाना था, लेकिन वहां जाते समय रास्ते में किसानों के धरने के कारण उन्हें लौटना पड़ा था। इस दौरान 20 मिनट तक उनका काफिला फंसा रहा।
- Sponsored -
Comments are closed.