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नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने स्वामी विवेकानंद को उनकी जयंती पर नमन करते हुए कहा है कि नव राष्ट्र के निर्माण में युवाओं को पूरी ताकत के साथ जुटना चाहिए। श्री नायडू ने बुधवार को स्वामी विवेकानंद जयंती और राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर यहां जारी संदेशों में कहा कि स्वामी विवेकानंद आध्यात्मिक गुरु और भारतीयता के दूत थे। उन्होंने अपने उत्कृष्ट विचारों और दिव्य दृष्टि से विश्व भर का ध्यान भारतीय संस्कृति की ओर आकर्षित किया। स्वामी जी ने भारतीयों में राष्ट्रवाद की भावना जगाई। वह विश्व बंधुत्व और मानवता के उत्थान के पक्षधर थे। स्वामी जी के विचार मानवता के उत्थान के लिए हमेशा प्रेरक रहेंगे।
उन्होंने स्वामी विवेकानंद के कथन -‘पूर्ण रूप से नि:स्वार्थ व्यक्ति ही सबसे सफल व्यक्ति होता है’- का उल्लेख करते हुए कहा,‘‘ भारत की सनातन अध्यात्म परंपरा के नव-प्रवर्तक स्वामी विवेकानंद की जयंती पर, राष्ट्र के क्रांतिकारी आध्यात्मिक गुरु को सादर नमन।’’ श्री नायडू ने स्वामी विवेकानंद के कथन-‘समस्त शक्ति तुम्हारे भीतर है, तुम सब कुछ कर सकते हो’ और ‘इस भ्रम को मिटा दो कि तुम निर्बल हो, तुम एक अमर आत्मा हो, स्वच्छंद हो, धन्य हो, सनातन हो’ -का उल्लेख करते हुए कहा कि युवाओं को नव राष्ट्र के निर्माण में जुटना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को बड़े सपने देखने चाहिए और लक्ष्य को पूरा करने के लिए कड़ा परिश्रम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेनी चाहिए और उनके राष्ट्र वाद के मूल्य को आत्मसात करते हुए विश्व बंधुत्व में भरोसा करना चाहिए। जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए। युवाओं को भारत की समृद्ध संस्कृति पर गर्व करना चाहिए। श्री नायडू ने कहा,‘‘स्वामी विवेकानंद का जन्म दिन राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। युवा स्वामी जी के वांग्मय का अध्ययन करें, जीवन में उसका अनुकरण करें, राष्ट्रीय जीवन में स्वयं को सार्थक बनाएं।’’
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