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कोविड-19 के बाद पिछले 3 सालों में हार्ट अटैक से हुई मौत के मामलों में काफी तेजी देखने को मिली है। जिसमें ज्यादातर युवाओं की संख्या शामिल हैं. अक्सर युवाओं के अचानक हार्ट अटैक से हो रही मौत की वीडियो भी सोशल मीडिया पर भी सामने आती रहती है। कभी जिम करते वक्त, तो कभी डांस करते वक्त युवा एकाएक जमीन पर गिर जाते है और फिर उपचार के दौरान या यू कहें की तत्काल ही उनकी मौत हो जाती है.
“इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में एक स्टडी की है. जिसमें पता चला कि जिन लोगों को सीवियर कोविड हुआ था, उनके अगले एक या दो साल तक ज्यादा भाग दौड़ या मेहनत वाले काम से बचने की जरूरत है।
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कई डॉक्टरों के अनुसार कोविड के दौरान गंभीर संक्रमित मरीजों में हार्ट अटैक से मौत होने का रिस्क बहुत ज्यादा था. हर वायरल फीवर के बाद प्लेटलेट्स का क्लॉटिंग ज्यादा हो सकता है, इसकी वजह से कोरोना के टाइम हार्ट अटैक या स्ट्रोक्स के रेट बढ़ गए थे. इससे सीवियर कोविड में हार्ट फंक्शन पर असर पड़ता है. इसलिए अगर किसी को सीवियर कोविड हुआ था तो उन लोगों को ज्यादा भाग दौड़ या मेहनत वाले काम से बचने की जरूरत है।
कौन है सीवियर कोविड के पेशेंट?
डॉक्टर के अनुसार जो लोग कोरोना काल में संक्रमित हुए थे और उस वक्त उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया गया था। य़ा फिर उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा था। ऐसे लोग सीवियर कोविड वाले होते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोनाकाल के बाद दिल के रोगियों में 14% तक बढ़ोतरी देखने को मिली है. जिसमें ज्यादातर 30 से 40 साल के युवा शामिल हैं.
दिल पर ऐसे हो रहा है कोरोना का हमला
कोरोना एक रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन है. ये सीधे इम्युनिटी पर अटैक कर मायोकार्डिटिस का कारण बनता है. स्ट्रेस की वजह से एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम, इलेक्ट्रोलाइट व एसिड-बेस्ड समस्याओं की वजह से एरिथीमिया दिल संबंधी जटिलताओं की वजह से अचानक मौत का कारण बनता है.
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