पाकिस्तान-चीन ने दिया धोखा तो रूस की शरण में म्यांमार, सुखोई-30 से ‘जंग’ में बदलेगी सूरत? भारत भी मुरीद
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म्यांमार की सरकार ने विरोधी दलों के खिलाफ सुखोई-30SME फाइटर जेट्स की खरीद की है, जिन्हें वायुसेना का अपग्रेड करने के लिए लिया गया है। इसके बाद, म्यांमार को दो सुखोई-30 विमान प्राप्त हो चुके हैं और वह जल्द ही और 4 फाइटर जेट्स को प्राप्त करेगा, जिन्हें रूस द्वारा उपहार के रूप में दिया जा रहा है।
म्यांमार ने इस डील को पूरा करने के बाद पाकिस्तान और चीन के बने जेएफ-17 फाइटर जेट्स को छोड़ दिया है, क्योंकि वे कारगर नहीं थे।
सुखोई-30 विमान विमान रक्षा प्रणाली के साथ आते हैं और दुश्मन के कब्जे वाले क्षेत्रों में जाने के लिए उपयोग किए जा सकते हैं। ये विमान हवाई कलाबाजी में भी माहिर हैं और विरोधी विमानों के खिलाफ वायुयान के साथ संघर्ष कर सकते हैं।
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भारत भी बड़े पैमाने पर सुखोई-30 विमानों का इस्तेमाल कर रहा है, और अब म्यांमार भी इन विमानों का इस्तेमाल करेगा।
म्यांमार की सेना की उम्मीद है कि इन फाइटर जेट्स की मदद से वह विरोधी दलों के खिलाफ अधिक सशक्त होगी, खासकर गृहयुद्ध समर्थकों के खिलाफ।
म्यांमार के सैन्य मंत्री चार्ली चान ने सुखोई-30 विमानों की खरीद की पुष्टि की है, और इस डील की घोषणा रूस में की गई है।
इससे पहले, 2022 में म्यांमार के एक जनरल ने खुलासा किया कि उन्होंने रूस के साथ इस विमान की डील की थी।
सुखोई-30 विमान वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए हैं, जिससे वे विरोधी विमानों को नष्ट करने के लिए साक्षम होते हैं। इन विमानों का उद्देश्य दुश्मन के कब्जे वाले क्षेत्रों में घुसकर हमला करना है, और ये विमान इस कार्य को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।
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