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लोकसभा में विपक्षी सदस्यों ने चीन के मुद्दे पर गुरुवार को जबरदस्त हंगामा किया जिसके कारण भोजनावकाश के बाद सदन की कार्यवाही तीसरी बार चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
दो बार के स्थगन के बाद दो बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरु हुई तो कांग्रेस सहित अन्य कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी से विपक्ष को सदन में अपनी बात कहने के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन श्री सोलंकी ने विपक्ष की बात सुने बिना और उन्हें कोई आश्वासन दिये बिना नियम 377 के तहत सदस्यों को अपने मुद्दे उठाने के लिए कहा।
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कांग्रेस के सदस्यों ने कहा कि उनकी बात सुनी जानी चाहिए इसलिए पीठासीन अधिकारी को चीन के मुद्दे पर सदन में चर्चा करानी चाहिए। पीठासीन अधिकारी ने जब उनके बार-बार किये गये आग्रह को नहीं सुना तो सदस्य नारे लगाते हुए सदन के बीचों बीच आकर हंगामा करने लगे।
हंगामे के बीच ही स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कोरोना की स्थिति को लेकर सदन में बयान दिया। श्री मांडविय जब कुछ बोल रहे थे तो उस समय सदन में चल रहे हंगामे के कारण कुछ सुनाई नहीं दे रहा था। हंगामे के बीच ही उन्होंने सदन में अपना वक्तव्य पढ़ा।
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स्वास्थ्य मंत्री के बयान के बाद सदस्यों का हंगामा जारी रहा, लेकिन श्री सोलंकी ने नियम 377 के तहत लोक महत्व के मुद्दे उठाने को कहा इस पर हंगामा और बढ गया और श्री सोलंकी को सदन की कार्यवाही चार बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
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