विश्वकर्मा पूजा पर झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ बोले- समाज के प्रति दृष्टि और नजरिया होना चाहिए बेहतर
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रांची, 18 सितंबर 2023: विश्वकर्मा पूजा के अवसर पर नामकुम टाटीसिलवे रेलवे गुड्स शेड ट्रक ऑनर्स एसोसिएशन के द्वारा भंडारा एवं रात्रि में दोगोला कार्यक्रम आयोजित किया गया। भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा लगाकर विधि पूर्वक पूजा की गई। मुख्य अतिथि झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो उपस्थित हुए।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि समाज के प्रति दृष्टि एवं नजरिया बेहतर होना चाहिए। व्यक्ति जरूरतमंद एवं गरीब के लिए जो करता है उसका फल उसे वापस प्राप्त होता है। इंसान सामाजिक प्राणी है वह सभी से जुड़कर रहता है। उन्होंने एसोसिएशन के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि एसोसिएशन शिक्षा एवं रोजगार के लिए बेहतर कार्य कर रहा है। ऐसे आयोजन से समाज के हर वर्ग की जानकारी मिलती है। जिससे उनके बेहतरी के लिए योजना बनाने में सहयोग मिलता है।
उन्होंने कहा व्यवसाय तो सभी करते हैं लेकिन समय के अभाव में समाज के लिए कार्य नहीं पाते हैं। झारखंड उच्च न्यायालय के महाधिवक्ता अशोक कुमार ने अपने विचार रखे। एसोसिएशन के संरक्षक राजदेव सिंह यादव ने सभी का स्वागत एवं अध्यक्ष राजकिशोर यादव ने सम्मानित किया।
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इस दौरान क्षेत्र के गणमान्य लोगों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया। साथ ही श्रीराम फाइनेंस की ओर से मेधावी छात्र-छात्राओं में छात्रवृत्ति प्रमाण पत्र दिया गया। सैकड़ों लोगों ने भंडारा में प्रसाद ग्रहण किया। वही रात्रि में भोजपुर से आएं कलाकार रामाशंकर सिंह एवं धनबाद से आएं शिवशंकर यादव के बीच दोगोला कार्यक्रम आयोजित किया गया।
रात्रि कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर खिजरी विधायक राजेश कच्छप, भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ प्रदीप वर्मा, वरिष्ठ पत्रकार हरिनारायण सिंह शामिल हुए। सफल आयोजन में पीएन सिंह,अनुज सिंह,साधु यादव,मनीष यादव,अवधेश यादव, नागेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, शत्रुघ्न प्रसाद,कमल आदि ने सहयोग किया।
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विश्वकर्मा पूजा का महत्व
हिंदू धर्म में विश्वकर्मा पूजा का विशेष महत्व है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि के शिल्पकार और वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि उन्होंने सृष्टि की रचना की थी। विश्वकर्मा पूजा हर साल कन्या संक्रांति के दिन मनाई जाती है। इस दिन लोग भगवान विश्वकर्मा की पूजा करते हैं और उनसे अपने कार्यों में सफलता की कामना करते हैं।
विश्वकर्मा पूजा के दिन कारखाने, दुकानें और अन्य औद्योगिक संस्थानों को साफ-सफाई कर भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस दिन लोग नए उपकरण और मशीनरी खरीदते हैं। विश्वकर्मा पूजा को एक सामाजिक समारोह के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर प्रसाद बांटते हैं।
विश्वकर्मा पूजा के दिन किए जाने वाले कार्य
- भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विधि पूर्वक पूजा करें।
- कारखाने, दुकानें और अन्य औद्योगिक संस्थानों को साफ-सफाई करें।
- नए उपकरण और मशीनरी खरीदें।
- एक-दूसरे के घर जाकर प्रसाद बांटें।
विश्वकर्मा पूजा से जुड़ी कथा
पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विश्वकर्मा ब्रह्मा जी के पुत्र थे। उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त था। विश्वकर्मा ने सृष्टि की रचना में ब्रह्मा जी की मदद की थी। उन्होंने देवताओं के लिए कई अद्भुत मंदिर और महल बनाए थे। विश्वकर्मा को शिल्प और वास्तुकला का महान गुरु माना जाता है।
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