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सारंडा के गांव में नहीं थम रहा मौत का सिलसिला, फिर एक बच्ची की मौत       

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चाईबासा / गुवा : सारंडा के गांवों में मलेरिया से मौत का तांडव लगातार जारी है।मनोहरपुर प्रखंड प्रमुख गुरुवारी देवगम के छोटानागरा पंचायत स्थित बाईहातु गांव में भी मलेरिया का प्रकोप काफी बढ़ गया है। इस बीमारी की वजह से 17 जुलाई की सुबह मनीषा चाम्पिया (5 वर्ष) की मौत हो गई।उसके पिता मान सिंह चाम्पिया हैं। मलेरिया की चपेट में आकर गांव के कई बच्चे व ग्रामीण गंभीर रुप से बीमार हैं। इससे पहले 16 जुलाई की शाम गांगदा पंचायत के सलाई गांव निवासी सुखराम मरांडी (45 वर्ष) की मौत हो गई थी। उससे पहले छोटानागरा पंचायत के जोजोगुटू में 5, दुबिल में एक और बाइहातु में एक की मौत हो चुकी थी।रविवार को छोटानागरा स्थित स्वास्थ्य केन्द्र भी बंद होने की वजह से ग्रामीणों को समझ में नहीं आ रहा है कि वे बीमार बच्चों को इलाज के लिए कहां और कैसे लेकर जायें।बाईहातु के बीमार लोगों में लोसो चाम्पिया के छोटे-छोटे बच्चे व अन्य ग्रामीण भी हैं।तीन दिन पहले भी बाईहातु के एक माह के बच्चे की मौत इलाज के लिए नोवामुंडी अस्पताल ले जाने के दौरान हो गई थी। वर्तमान स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सेल की किरीबुरु, गुवा और चिड़िया अस्पताल प्रबंधन के अलावे टाटा स्टील की नोवामुंडी अस्पताल प्रबंधन को अपने-अपने डॉक्टरों की टीम को कम से कम अपने-अपने खदानों से प्रभावित गांवों में भेज चिकित्सा सुविधा शुरू करने की जरुरत है।छोटानागरा अस्पताल में भी एक स्थायी डाक्टर पूरी व्यवस्था व एम्बुलेंस के साथ नियुक्त करने की तत्काल जरूरत है। ताकि मलेरिया आदि बीमारी से ग्रसित मरीजों की जान बचाई जा सके। अन्यथा स्थिति बेकाबू हो जाएगी।इस संबंध में मनोहरपुर के जिला परिषद सदस्य (पार्षद) रंजीत यादव से सम्पर्क साधा गया तो उन्होंने कहा कि रविवार को भी मनोहरपुर से एक मेडिकल टीम डॉ सुरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में छोटानागरा पंचायत के झाड़बेड़ा गांव में भेजा गया है। उक्त टीम से सम्पर्क कर उन्हें बाईहातु गांव भी भेज दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बाईहातु व सलाई गांव में मलेरिया से दो लोगों की मौत की जानकारी हमें मिली है। ग्रामीणों की मलेरिया से निरंतर हो रही मौत काफी डरावनी व चिंता का विषय है। चिकित्सा विभाग पहले से भारी लापरवाही बरत रही है।पार्षद रंजीत यादव ने कहा कि ऐसे गांवों में चिकित्सकों की टीम भेजकर ग्रामीणों का इलाज किया जायेगा। रंजीत यादव ने कहा कि सारंडा के गांवों में स्वास्थ्य सुविधा की स्थिति वास्तव में काफी दयनीय है। सारंडा में ग्रामीणों मलेरिया से ग्रसित होने और चरमराई स्वास्थ  सुविधाओ की सच्चाई को निरंतर सामने लाने का कार्य कर रही है। 20 दिन पहले से मनोहरपुर सीएचसी प्रभारी को कहा था लेकिन उन्होंने पहले ध्यान नहीं दिया।इस वजह से ऐसे हालात उत्पन्न हुए हैं। उन्होंने कहा कि सारंडा की लचर चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी मुख्यमंत्री को देंगे।सरकार ने भी पिछले 10 वर्षों से एक स्थान पर जमे चिकित्सकों का स्थानान्तरण करना प्रारम्भ कर दिया है। जिला के लिये भी चिकित्सकों की बहाली करने का आदेश दिया है।
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