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चेन्नई : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि नयी शैक्षिक नीति बदलती परिस्थितियों में युवाओं को निर्णय लेने में अधिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है। श्री मोदी यहां अन्ना विश्वविद्यालय के 42वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह को संबोधित करने वाले श्री मोदी 70 साल के बाद दूसरे प्रधानमंत्री हैं। इससे पहले प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने इस विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को संबोधित किया था। प्रधानमंत्री ने कहा, हम भाग्यशाली हैं कि आप लोग भारत के भविष्य के साथ-साथ अपने भविष्य का निर्माण करेंगे। आपका विकास भारत का विकास है, आपकी सीख भारत की सीख है, आपका भविष्य है भारत का भविष्य। हर अवसर का लाभ उठाएं और इसका सर्वोत्तम लाभ उठाएं। श्री मोदी ने कहा कि एक मजबूत सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं बल्कि उत्तरदायी होती है। यह हर क्षेत्र में दखल नहीं देती बल्कि खुद को सीमित करके लोगों की प्रतिभा के लिए उचित स्थान बनाती है। उन्होंने कहा, पहले धारणा थी कि मजबूत सरकार वही है जो सब कुछ और हर किसी को नियंत्रित करती है। हमने इसे बदल दिया है। मजबूत सरकार सब कुछ और सभी को नियंत्रित नहीं करती बल्कि यह व्यवस्था को नियंत्रित करती है। एक मजबूत सरकार प्रतिबंधात्मक नहीं बल्कि उत्तरदायी है। मजबूत सरकार हर क्षेत्र में दखलंदाजी नहीं करती है। वह खुद को सीमित करती है और लोगों की प्रतिभा के लिए जगह बनाती है। इसलिए आप सभी क्षेत्रों में सुधार देखते हैं। लोगों को अपने दम पर निर्णय लेने की स्वतंत्रता है। नयी शिक्षा नीति बदलती परिस्थितियों में युवाओं को उनके अनुसार निर्णय लेने की अधिक स्वतंत्रता सुनिश्चित करती है। श्री मोदी ने युवाओं से खुद जोखिम लेने या दूसरों द्वारा बनाए गए अवसरों का भी लाभ उठाने भी अपील की। उन्होंने भारत को डिजिटल भुगतान प्रौद्योगिकी में विश्व का एक अग्रणी देश बताया और कहा कि बच्चे भी प्रौद्योगिकी का उपयोग करना सीख रहे हैं और डिजिटल भुगतान सुविधा का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यदि आप उन्हें नकद देते हैं तो वे केवल डिजिटल को तरजीह करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां तक कि गरीब से गरीब व्यक्ति भी तकनीक को अपना रहा है। घर वाले भी इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। तकनीक का इस्तेमाल कर बच्चे सीख रहे हैं। छोटे विक्रेता डिजिटल भुगतान का उपयोग कर रहे हैं। यदि आप उन्हें नकद देते हैं, तो वे कहेंगे कि वे डिजिटल भुगतान को तरजीह देते हैं। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उद्योग आपके नवाचारों को आगे ले जाने का इंतजार कर रहा है। भारत में स्टार्ट-अप में उल्लेखनीय वृद्धि की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप की संख्या में 15,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई। उन्होंने कहा कि निवेश वहीं होता है, जहां नवाचार और बुनियादी ढांचा होता है। श्री मोदी ने कहा कि छात्र वैश्विक अनिश्चितता के समय में स्रातक कर रहे हैं। उन्होंने कहा, मैं इसे महान अवसर का समय कहूंगा। कोरोना एक अभूतपूर्व घटना थी। इसने हर देश का इम्तिहान लिया। विपरीत परिस्थितियों और कठिन समय से पता चलता है कि हम किस चीज से बने हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अज्ञात संकट का सामना करना पड़ा। वैज्ञानिकों, स्वास्थ्य कर्मियों, पेशेवरों और आम लोगों को धन्यवाद, उनके त्याग की वजह से आज भारत का हर केंद्र नये जीवन से भर रहा है। उन्होंने कहा, या तो यह उद्योग, नवाचार, निवेश या बौद्धिक अधिकार का मामला हो। भारत सबसे आगे है। हमारा उद्योग इस अवसर पर बढ़ा है। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण में, पिछले वर्ष भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता था। नवाचार जीवन का एक तरीका बन रहा है। श्री मोदी ने कहा कि पिछले छह वर्षों में, मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की संख्या में 15,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा, हां, आपने सही सुना। वर्ष 2016 में सिर्फ 400 से 15,000 प्रतिशत की वृद्धि, अब यह अब लगभग 73,000 है। जब उद्योग और नवाचार अच्छा करेंगे, तो निवेश होगा। पिछले साल भारत को 83 अरब अमेरिकी डॉलर का रिकॉर्ड विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ था। हमारे स्टार्ट-अप को भी महामारी के बाद रिकॉर्ड धन प्राप्त हुआ। इन सभी कारकों से ऊपर अंतरराष्ट्रीय गतिशीलता में भारत की स्थिति को अब तक का सर्वश्रेष्ठ बनाता है। उन्होंने कहा, हमारे देश ने वस्तुओं और सेवाओं का अब तक का सबसे अधिक निर्यात दर्ज किया है। भारत वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन रहा है। हम बाधाओं को अवसरों में बदल रहे हैं। उन्होंने कहा, हम भारत रत्न एवं पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अब कैसे भूल सकते हैं। यह गर्व की बात है कि वह इस विश्वविद्यालय से निकटता से जुड़े थे। उनके विचार और मूल्य हमारे युवाओं को प्रेरित करते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा, पूरी दुनिया भारत के युवाओं को देख रही है क्योंकि आप विकास इंजन हैं। आज, हम यहां चेन्नई के जीवंत शहर में अपने युवाओं की उपलब्धियों का जश्न मनाने के लिए हैं। आज न केवल उपलब्धियों बल्कि आकांक्षाओं का दिन है। यहां सभी के लिए विशेष दिन हैं, विशेषकर छात्रों, उनके माता-पिता, सहायक कर्मचारियों सहित शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए। आप राष्ट्र निर्माता हैं।
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