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पटना : बिहार आंतकवादी मॉड्यूल मामले में नया खुलासा हुआ है। जांच में सामने आया है कि आरोपियों को कतर से क्रिप्टोकरंसी के रूप में फंडिंग की जा रही थी। पुलिस ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी दानिश को कतर स्थित संगठन अल्फाल्ही से क्रिप्टोकरंसी के रूप में धन प्राप्त हुआ था।पुलिस ने बताया कि फुलवारी शरीफ निवासी मारगुव अहमद दानिश (26) को भारत विरोधी दो व्हाट्सएप ग्रुप गजवा-ए-हिंद और डायरेक्ट जिहाद चलाने के आरोप में 15 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। इस मामले में जांच एनआईए कर रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया, जांच से यह भी पता चला है कि दानिश पाकिस्तान स्थित कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक से जुड़ा था। वह एक पाकिस्तानी नागरिक फैजान के नियमित संपर्क में भी था। जांच में पाया गया है कि व्हाट्सएप ग्रुप गजवा-ए-हिंद पर राष्ट्रीय ध्वज और प्रतीक का अपमान करने वाले संदेश साझा किए जा रहे थे। उन्होंने कहा कि दानिश ग्रुप का एडमिन था और कई अन्य विदेशी समूहों के संपर्क में भी था।
पुलिस ने 14 जुलाई को तीन लोगों को गिरफ्तार कर इस आतंकवादी मॉड्यूल का पदार्फाश किया था। एनआईए ने बुधवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्थित जामिया मारिया निस्वा मदरसा में तलाशी ली और मामले के सिलसिले में असगर अली नाम के एक शिक्षक को गिरफ्तार किया।
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