NCERT की किताबों में अब इंडिया की जगह भारत
NCERT की किताबों में अब इंडिया की जगह भारत पढ़ाया जाएगा. NCERT समिति ने इसकी सिफारिश की है।
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NCERT की किताबों में अब इंडिया की जगह भारत पढ़ाया जाएगा. NCERT समिति ने इसकी सिफारिश की है। हालांकि फिलहाल इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया। अगर ऐसा कोई फैसला लिया जाता है तो इसे 2024 से किताबों में लागू किया जाएगा।
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किताबों में आवश्यक परिवर्तनों को लेकर बनी समिति के इस आशय की सिफारिश को NCERT ने मंजूरी दे दी है. समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक के मुताबिक यह प्रस्ताव कुछ महीने पहले ही रखा गया था और अब इसे स्वीकार कर लिया गया है. इस तरह अब किताबों में इंडिया की जगह भारत पढाया जाएगा। हालांकि NCERT ने इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक फैसला नहीं लिया है। किताबों में इंडिया के स्थान पर भारत नाम रखे जाने की चर्चा तभी से जोरों पर थी जब जी 20 के आयोजन के दौरान भारत की राष्ट्रपति के नाम से भेजे गए निमंत्रण पत्र में ‘प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया’ की बजाए ‘प्रेसिडेंट ऑफ भारत’ लिखा गया था.
इसके अलावा किताबों में प्राचीन इतिहास की जगह ‘क्लासिकल हिस्ट्री’ पढ़ाने की शुरुआत करने की भी सिफारिश की गई है। यही नहीं सभी विषयों के लिए पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान प्रणाली को शुरू करने पर भी जोर दिया है। समिति ने युद्ध में हिंदू राजाओं की जीत को पढ़ाने की भी सिफारिश की है. अभी तक किताबों में हमारी हार को ही दर्शाया गया है, लेकिन मुगलों और सुल्तानों पर हमारी जीत का उल्लेख नहीं किया गया है. ऐसे में अब पाठ्यक्रमों में इसे शामिल करना जरूरी है।
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नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत एनसीआरटी अपने पाठ्यक्रम में बदलाव कर रही है। समिति में 19 सदस्य हैं। इनमें आईसीएचआर के चेयरपर्सन राघवेंद्र तंवर, जेएनयू की प्रोफेसर वंदना मिश्रा, डेक्कन कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर वसंत शिंदे और हरियाणा सरकार के स्कूल में सोशियोलॉजी पढ़ाने वाली ममता यादव भी शामिल हैं. समिति के अध्यक्ष सीआई इसाक हैं। इसाक इंडियन काउंसिल ऑफ हिस्टोरिकल रिसर्च (ICHR) के सदस्य हैं.
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