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बीजापुर :छत्तीसगढ़ के सरकारी कर्मचारी आंदोलन की राह पर निकल पड़े हैं। अधिकारी-कर्मचारी संघों द्वारा 25 से 29 जुलाई तक कलम बंद काम बंद हड़ताल का ऐलान किया गया है। केंद्र सरकार के समान 34% डीए व गृह भत्ता की मांग को लेकर कर्मियों ने सरकारी दफ्तरों में कामकाज ठप कर दिया है। कर्मचारियों के आंदोलन से आम जनता की परेशानी बढ़ गई है। इधर कर्मचारी संघों की मांगों का नक्सलियों ने समर्थन किया है। माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता विकल्प ने पर्चा जारी कर आंदोलन को समर्थन देते हुए राज्य सरकार की आलोचना की है।
नक्सल प्रवक्ता विकल्प ने पर्चे में कहा है कि शिक्षक व कर्मचारी संगठनों का आंदोलन सालभर से जारी हैं। शिक्षक एवं कर्मचारियों ने चरणबद्ध आंदोलन किए, लेकिन सरकार का रवैया भैंस के सामने बीन बजाने वाली है। हमारी पार्टी छत्तीसगढ़ के सभी संगठनों से अपील करती है कि वे अपने सदस्यों को हड़ताल में शामिल करें। माओवादी संगठन, कर्मचारी-अधिकारी फेडरेशन एवं टीचर्स एसोसिएशन का आह्वान करती है कि दोनों संयुक्त मंच गठित कर 5 दिवसीय हड़ताल को अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील कर अपनी मूलभूत समस्याओं का हल निकालने आगे बढ़े। माओवादी संगठन, फेडरेशन के 75 संघों के 5 लाख कर्मचारियों एवं अधिकारियों से आह्वान करती है कि वे महंगाई भत्ता व गृह भाड़ा भत्ता हासिल करने उक्त हड़ताल में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। पर्चा में कहा है कि राजनेताओं, मुख्यमंत्रियों, मंत्रियों व विधायकों के वेतन व भत्तों में लगातार वृद्धि की जा रही है। मॉनसून सत्र में इससे संबंधित विधेयक पारित हुए। नेताओं के वेतन व भत्तों में 30 से 40 हजार की बढ़ोतरी होगी, लेकिन कर्मचारियों को 5 हजार देने में सरकार पीछे हट रही है।
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