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जाली ट्रांसफर सर्टिफिकेट के जरिए जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन को की गई गुमराह

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एसएमसी के पदाधिकारी एंव सदस्यों ने डीसी व एसपी से की जाली सर्टिफिकेट की जांच कर कार्रवाई की मांग

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शकील अहमद 
किस्को-लोहरदगा: किस्को प्रखंड के चरहू उत्क्रमित उर्दू उच्च विद्यालय के प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सदस्यों ने लोहरदगा उपायुक्त डॉक्टर वाघमारे प्रसाद कृष्ण एवं पुलिस कप्तान आर रामकुमार से मिलकर चरहू उत्क्रमित उर्दू उच्च विद्यालय का संचालन प्रारंभ से ही उर्दू विद्यालय के रूप में होने से संबंधित सभी सबूत एवं तथ्य उपलब्ध कराया है। साथ ही धनेश्वर पांडे के द्वारा जाली ट्रांसफर सर्टिफिकेट के जरिए जनप्रतिनिधियों एवं प्रशासन को गुमराह करने की जांच कराने एवं कार्रवाई की मांग गई। ज्ञापन में कहा गया है कि धनेश्वर पांडे के द्वारा जनप्रतिनिधि व शिक्षा विभाग को पांचवीं की जो ट्रांसफर सर्टिफिकेट उपलब्ध कराकर गुमराह की गई, उसमें ट्रांसफर सर्टिफिकेट लिखा हुआ है, जबकि सरकारी विद्यालय में परित्याग प्रमाण पत्र दिया जाता है। यह प्रमाण पत्र वर्ष 1976 का है और उसमें हस्ताक्षर शिक्षक अमीनुद्दीन अंसारी का है, जबकि वर्ष 1976 में वे विद्यालय में नियुक्त नहीं थे। बल्कि वह 1996-97 में विद्यालय में नियुक्त हुए थे। वर्ष 1976 में विद्यालय के प्रधानाध्यापक अब्दुल गफ्फार खान थे। प्रमाण पत्र में अमीनुद्दीन अंसारी का हस्ताक्षर है, जो नामांकन पंजी के हस्ताक्षर से मेल नहीं होता है। यह विद्यालय शुरू से ही उर्दू विद्यालय है। वर्ष 1940 में यह विद्यालय उर्दू मकतब यानी मदरसा के रूप में चलता था। जिसे वर्ष 1949 में उर्दू प्राथमिक विद्यालय के रूप में सरकारी मान्यता प्राप्त हुआ।जिसका प्रथम शिक्षक अब्दुल गफ्फार खान थे और उनके सेवा पुस्तिका में भी उर्दू प्राथमिक विद्यालय चरहु लिखा हुआ है। साथ ही विद्यालय का खतियान एवं सभी कागजात निर्गत उर्दू विद्यालय के नाम से है। मामले पर प्रभारी प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी चार्ल्स हेमरोम का कहना है कि चरहु विद्यालय की जांच की गई, जिसमें उर्दू विद्यालय से संबंधित पुष्ट दस्तावेज मिले हैं। उन्होंने कहा कि मामले में जांचोपरांत अग्रेत्तर कार्रवाई हेतु जिला को भेज दिया गया है।
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