Live 7 TV
सनसनी नहीं, सटीक खबर

राज्यमंत्री और वित्त मंत्री के उत्तर से विकट स्थिति उत्पन्न

- Sponsored -

नयी दिल्ली : राज्यसभा में आज सरकार के लिए उस समय विकट स्थिति उत्पन्न हो गयी जब वित्त राज्य मंत्री भगवत किशनराव कराड ने कहा कि बैंक और वित्तीय संस्थान राजनेता एवं पुलिस को ऋण देने से बचने की कोशिश करते हैं लेकिन सदन में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हस्तक्षेप करते हुये कहा कि ऐसा कोई दिशा निर्देश नहीं है और ऋण देने के संबंध में सिबिल के साथ ही केवाईसी और कई अन्य कारकों पर भी गौर किया जाता है।
प्रश्नकाल के दौरान गैर बैंंिकग वित्तीय कंपनियों और हाउंिसग फाइनेंस कंपनियों द्वारा बैंकों की तुलना में ऊंची दरों पर ऋण देने से संबंधित प्रश्न के उत्तर के दौरान यह विकट स्थिति बन गयी। हालांकि इसके बाद जितने भी पूरक प्रश्न पूछे गये सभी के जबाव वित्त मंत्री ने ही दिये।
अधिकांश विपक्षी दलों के वहिगर्मन के बीच चले प्रश्नकाल के दौरान भारतीय जनता पार्टी के जी वी एल नरंिसहराव ने पूरक प्रश्न पूछा कि बैंक ऋण देने के लिए राजनेताओं और पुलिसवाले का ट्रैक रिकार्ड देखा जाता है। इस प्रश्न का उत्तर देते हुये वित्त राज्य मंत्री श्री कराड ने कहा कि बैंक पुलिसवाले और राजनेताओं को ऋण देने में सावधानी बरते हैं। उनका ट्रैक देखा जाता है। इस पर सदन में मौजूद वित्त मंत्री ने कहा कि आधिकारिक तौर पर ऐसा कोई दिशा निर्देश नहीं है। ऋण देने के लिए कुछ मानक तय है और उसके अनुरूप ही बैंक ऋण देने के संबंध में निर्णय लेता है। इसमें संबंधित व्यक्ति के सिबिल के साथ ही केवाईसी आदि मानकों का पालन किया जाता है।
इससे पहले वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि बैंकों की तुलना में एनबीएफसी और हाउंिसग फाइनेंस कंपनियों की ब्याज दरें अधिक होती क्योंकि वे बाजार से ऋण लेकर उधारी देते हैं जबकि बैंक ग्राहक द्वारा जमा राशि ही ऋण में देते हैं जिसे पर बहुत कम ब्याज होता है।

Looks like you have blocked notifications!

- Sponsored -

- Sponsored -

Comments are closed.