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पटना: बिहार में सातवें चरण की शिक्षक नियोजन प्रक्रिया में सीटीईटी और बीटीईटी के अभ्यर्थियों को शामिल नहीं किए जाने से नाराज छात्रों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस लाठीचार्ज में आज कम से कम 25 लोग घायल हो गए।
शिक्षक भर्ती को लेकर बिहार की नई महागठबंधन की सरकार को घेरने के लिए बड़ी संख्या में शिक्षक अभ्यर्थियों ने राजधानी पटना में सोमवार को प्रदर्शन किया। राजधानी के ऐतिहासिक गांधी मैदान से अभ्यर्थियों ने सरकार के विरोध में नारेबाजी करते हुए मार्च निकाला। मार्च के डाकबंगला चौराहा पहुंचते ही वहां पहले से मौजूद दंडाधिकारी के नेतृत्व में पुलिस ने उन्हें आगे बढ़ने से रोक दिया।
इसके बाद अभ्यर्थियों और पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। आक्रोशित अभ्यर्थियों को रोकने के लिए पुलिस को लाठियां चलानी पड़ी, जिसमें कम से कम 25 अभ्यर्थी गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को तत्काल अस्पताल ले जाया गया है।
प्रदर्शन में शामिल एक महिला अभ्यर्थी ने बताया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव जब विपक्ष में थे तो कई बार यह भरोसा देते थे कि वह हमारी नौकरी के लिए तत्काल कदम उठाएंगे। जब आज उनकी सरकार बन गई है तो हमारी मांगों को टालने की कोशिश शुरू हो गई है। वर्तमान सरकार से भी निराशा हाथ लग रही है। महागठबंधन की सरकार टालमटोल की नीति अपना रही है।
प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि यहां दो दिन में 32 नए मंत्री शपथ ले लेते हैं। पुरानी सरकार बदल जाती है लेकिन जब शिक्षा मंत्री से हमने अपनी नौकरी की मांग की तो वर्ष 2024 तक इंतजार करने के लिए कहा गया।
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