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रांची : सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को निर्देश देते हुए कहा कि झारखंड के पशु व्यापारियों की लिंचिंग मामले में सुनवाई में तेजी लाये। यह मामला दो व्यक्तियों (मजलूम अंसारी और इम्तियाज खान) की हत्या से जुड़ा हुआ है। अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति पी नरसिम्हा की बेंच में सुनवाई हुई। दरअसल 2018 में झारखंड की एक निचली अदालत ने एक तेरह वर्षीय लड़के सहित दो व्यक्तियों की हत्या के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302/34 के तहत 8 लोगों को दोषी ठहराया था। अभियोजन पक्ष ने प्रस्तुत किया था कि आरोपी व्यक्तियों ने मृतक को पशु व्यवसाय नहीं छोड़ने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी थी। प्रार्थी के अधिवक्ता तलहा अब्दुल रहमान ने अपनी बहस में कहा कि झारखंड उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में केवल प्राथमिकी पर भरोसा किया था और अन्य भौतिक पहलुओं, साक्ष्यों और सबूतों पर विचार नहीं किया था। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि आरोपियों के खिलाफ अपराध का अनुमान था क्योंकि उन्हें पहले ही ट्रायल कोर्ट द्वारा धारा 302/34 आईपीसी के तहत दोषी ठहराया जा चुका था। इसके अलावा याचिका के अनुसार, याचिकाकर्ता के अलावा दो अन्य चश्मदीद गवाह भी थे जिन्होंने अभियोजन पक्ष के मामले का समर्थन किया था और उच्च न्यायालय ने इसकी सराहना नहीं की।
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