केयू : सीनेट की बैठक में लॉ कॉलेज खोलने ,नर्सिंग सहित विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रमों को शुरू करने सहित लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय
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कोल्हान विश्वविद्यालय एवं अधीनस्थ सभी कॉलेजों में शैक्षणिक विकास गुणवत्तापूर्ण शिक्षा बुनियादी एवं आधारभूत संरचनाओं का विकास हमारी प्राथमिकता : कुलपति
शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने पर बनी सहमति, वेतन पेंशन ग्रेच्युटी सहित सभी लाभ माह के प्रथम सप्ताह में देने वाला केयू पहला विश्वविद्यालय
चाईबासा : कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में शनिवार को कुलपति प्रो डॉ गंगाधर पांडा की अध्यक्षता में सीनेट की बैठक आयोजित हुई. सर्व प्रथम कुलपति ने सीनेट की बैठक में आए सभी सीनेट सदस्यों विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य का स्वागत और आभार प्रकट किया एवं विश्वविद्यालय के स्थापना काल से लेकर अब तक के किए गए कार्यों शैक्षणिक वातावरण कोल्हान विश्वविद्यालय के विभिन्न कार्यक्रमों, विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों में शैक्षणिक विकास बुनियादी एवं आधारभूत संरचनाओं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नए पाठ्यक्रम आदि की जानकारी दी. एवं उपलब्धियां गिनाई. कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में जनजातीय म्यूजियम ,लाइब्रेरी के साथ ही जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई विश्वविद्यालय में लॉ कॉलेज की स्थापना सहित कई महत्वपूर्ण कार्य एवं पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं एएनएम नर्सिंग काउंसिल से मान्यता मिलने के बाद दो कॉलेजों को मान्यता दी गई है और कुरान विश्वविद्यालय में नर्सिंग की पढ़ाई शुरू की गई है ,3 अन्य नर्सिंग कॉलेजों में भी जल्द पढ़ाई शुरू होगी. सीनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श कर सर्वसम्मति से उसे पारित किया गया. इस दौरान टाटा कॉलेज के लिए अलग से ऑफिसर क्वार्टर बनाने के प्रस्ताव को पारित कर दिया गया है. इस पर संबंधित कॉलेज के प्राचार्य को अविलंब डीपीआर तैयार व भूमि का चयन कर विश्वविद्यालय को भेजने की बात कही. इसके अलावा कई सीनेट सदस्यों द्वारा उठाए गए मुद्दों को भी गंभीरता से लेकर सरकार के पास प्रस्ताव भेजने की तैयारी शुरू हो गई. लॉ कॉलेज निर्माण के लिए 5 एकड़ जमीन सरकार और जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया.
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शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सीनेट सदस्य प्रत्यूष पाणी ने शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के रिटायरमेंट की उम्र सीमा बढ़ाने को लेकर सभा में प्रस्ताव रखा. जिसके बाद कुलपति ने प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए सरकार को एक प्रस्ताव भेजने पर सहमति दी. उन्होंने रिटायरमेंट की उम्र सीमा 62 वर्ष करने का प्रस्ताव रखा. जिसको सीनेट सदस्यों द्वारा सर्वसम्मति से पारित कर और सरकार के पास भेज दिया. इसके अलावा अन्य कई मुद्दों को भी उठाया. इस दौरान पीएफ फंड मामला पर भी गंभीरता से कई सीनेटर ने उठाया. इस पर कुलपति प्रो डॉ गंगाधर पांडा ने जवाब में दिया कि पीएफ फंड के संबंधित एक कमेटी तैयार किया गया है. यह कमेटी आने वाले 10 दिनों के अंदर पूरे मामला का समाधान करेगी.
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तीन साल में होने वाले स्थानांतरण पर जताया विरोध
बैठक में 3 साल में होने वाले स्थानांतरण का मुद्दा भी उठा. इस दौरान कई सीनेट के सदस्यों ने 3 साल में होने वाले स्थानांतरण मामले को लेकर विरोध भी किया. सीनेटर संजय सिंह ने कहा कि यह गलत नीति है. लेकिन विश्वविद्यालय की ओर से सीनियर सदस्य संजय सिंह से इसका सुझाव मांगा तो वे नहीं दे पाए. कोई भी सीनेट के सदस्य इसका सुझाव नहीं दे पाए. जिसके बाद 3 साल के स्थानांतरण संबंधित मामले को यथास्थिति में ही रख दिया गया. इस दौरान हाउस रेंट के अलावा आवागमन भत्ता का भी जिक्र किया गया.
लंबित वेतन निर्धारण मामले भी हुए पारित
कुछ शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों का कई दिनों से भत्ता लंबित पड़ा हुआ है. उसे शीघ्र भुगतान करने का भी निर्देश कुलपति ने वित्त पदाधिकारी को दिया. वहीं पीजीआरसी के लिए विश्वविद्यालय की ओर से भुगतान करने की बात कही गई. बैठक में कई शिक्षकेत्तर व शिक्षकों के लंबित वेतन निर्धारण मामलों को भी रखा गया. जिसका समाधान कर सीनेट में पारित कर दिया गया और सरकार के पास भेज दिया. इसके अलावा लगभग वोकेशनल कोर्स को लेकर अलग से बजट पारित कर सरकार के पास भेजा गया.
बैठक में मुख्य रूप से संस्थापक सिंडिकेट सदस्य डॉ राजेश कुमार शुक्ला, प्रति कुलपति डॉ अरुण कुमार सिन्हा, कुलसचिव डॉ जयंत शेखर, डॉ एसके दास, वित्त पदाधिकारी डॉ पीके पाणी, सीनेट सदस्य डॉ अरुण झा, डॉ दारा सिंह गुप्ता, सीनेट सदस्य नितिन प्रकाश, शुक्ला मोहंती, डॉ मनमत सिंह, डॉ श्रीनिवास कुमार, रिंकी दोराई, नितिन प्रकाश के अलावा काफी संख्या में सीनेट के सदस्य उपस्थित थे. आज के सीनेट की बैठक में माननीय विधायकों एवं सीनेट सदस्यों को भी उपस्थित होना था लेकिन राज्य में राजनीतिक हालात के कारण विधायक और जन प्रतिनिधि सीनेट सदस्य शामिल नहीं हो पाए जिसके कारण छात्र संघ का चुनाव कराने सहित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा नहीं हो पाई जिसे अलग से सीनेट की बैठक बुलाकर करने का प्रस्ताव रखा गया.
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