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कोलकाता नगर निगम में हुए मासिक अधिवेशन के दौरान तृणमूल और बीजेपी पार्षदों के बीच मारपीट की घटना सामने आई है। यह अभूतपूर्व घटना कोलकाता नगर निगम के इतिहास में एक दुर्लभ घटना है और इसके बाद शांति को बनाए रखने के लिए मेयर फिरहाद हकीम को काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
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इस मारपीट घटना ने कोलकाता नगर निगम की सत्र कक्ष में घटित होते हुए लोगों को चौंका दिया। कोलकाता नगर निगम की चेयरपर्सन माला रॉय ने इस हंगामे को शांत नहीं कर पाई और वह सत्र कक्ष से बाहर चली गईं। हालांकि बाद में उन्होंने पार्षदों के अनुरोध पर लौटकर सत्र को जारी किया।
इस घटना ने कोलकाता नगर निगम को बना दिया रणक्षेत्र, जहां दो प्रमुख राजनीतिक दलों के पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। इस हादसे के बाद भाजपा के पार्षद विजय ओझा और बोरो चेयरमैन सुदीप भी इस घटना में शामिल थे। वहीं, तृणमूल पार्षद असीम बोस और भाजपा पार्षद सजल घोष के बीच विवाद हुआ था और सजल ने तृणमूल पार्षद पर धक्का देने का आरोप लगाया। इस घटना ने नगर निगम की सत्र कक्ष में उथल-पुथल मचाई और सभी को चौंका दिया।
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