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झारखंड समेत पूरे देश में लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ के आज दूसरे दिन 29 अक्टूबर को लोग खरना में शाम के समय दूध भात और गुड़ या लौकी की खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण करेंगे।
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खतना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती लगभग 36 घंटे का उपवास पर रहेंगे।छठ पूजा में तीसरे दिन शाम के समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है और बांस की टोकरी में फलों, ठेकुआ, चावल के लड्डू आदि से अर्घ्य के सूप को सजाया जाता है।इसके बाद, व्रती अपने परिवार के साथ मिलकर सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं और इस दिन डूबते सूर्य की आराधना की जाती है। छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल 30 अक्टूबर को होगा।
चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। ये अर्घ्य लगभग 36 घंटे के व्रत के बाद व्रती 31 अक्टूबर को उगते हुए सूर्य देंगे। इसके बाद व्रती के पारण करने के बाद छठ पर्व का समापन होगा।
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