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बीएसई ने जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर के लिए सर्किट सीमा में संशोधन किया
बीएसई ने मुकेश अंबानी की अगुवाई वाले रिलायंस समूह की गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा इकाई जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के शेयर के लिए सर्किट सीमा को मौजूदा से 20 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। नई सर्किट सीमा सोमवार से लागू होगी, जिससे कंपनी के शेयर के भाव में एक निश्चित सीमा से अधिक का उतार-चढ़ाव नहीं आएगा। इसके साथ ही बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस शेयर को अगले सप्ताह ‘ट्रेड-टू-ट्रेड’ खंड से बाहर हो जाएगा।
सर्किट सीमा: उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने का आधार
किसी शेयर में अत्यधिक उतार-चढ़ाव को नियंत्रण में रखने के लिए बीएसई द्वारा ‘सर्किट’ व्यवस्था का इस्तेमाल किया जाता है। यह एक दिन में किसी शेयर में अधिकतम उतार-चढ़ाव की सीमा होती है। इसके अलावा, एक सितंबर को जियो फाइनेंशियल के शेयर को बेंचमार्क सेंसेक्स सहित सभी बीएसई सूचकांकों से हटा दिया गया था।
रिलायंस समूह की नई सूचीबद्ध कंपनी
रिलायंस समूह की नई सूचीबद्ध कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड (JFSL) को एक सितंबर से शेयर बाजार बीएसई के मानक सूचकांक सेंसेक्स समेत सभी सूचकांकों से हटा दिया गया था। इससे कंपनी के शेयरों की कीमतों में एक तरह की निश्चितता देने का उद्देश्य था।
जियो फाइनेंशियल की वृद्धि
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने सोमवार को कंपनी के एजीएम में कहा कि जियो फाइनेंशियल सर्विसेज 1.2 लाख करोड़ रुपये के नेटवर्थ के साथ पूंजीकृत है। इसके साथ ही वह बताए गए कि इसके उत्पाद भारत में डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देंगे और वित्तीय सेवा मंचों में शामिल होंगे।
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