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रांची : झारखंड हाईकोर्ट में सोमवार को लोहरदगा विधायक सह मंत्री रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को चुनौती देने वाली सुखदेव भगत की चुनाव याचिका की सुनवाई हुई। मामले में रामेश्वर उरांव की ओर से सुखदेव भगत के द्वारा चुनावी दस्तावेज प्रस्तुत करने से संबंधित मांग के आलोक में जवाब दाखिल करने के लिए समय की मांग की गई। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति गौतम कुमार चौधरी की अदालत ने रामेश्वर उरांव के अधिवक्ता को समय प्रदान करते हुए मामले की सुनवाई 2 सप्ताह के लिए स्थगित कर दी। याचिका में सुखदेव भगत की ओर से कहा गया है वर्ष 2019 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान रामेश्वर उरांव ने नामांकन पत्र में बताया था कि उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं है। जबकि प्रार्थी सुखदेव भगत की ओर से कहा गया था कि रामेश्वर उरांव ने अपराधिक मामला की जानकारी अपने नामांकन पत्र में नहीं दी थी। प्रार्थी की ओर से यह भी बताया गया है कि रामेश्वर उरांव ने विधानसभा चुनाव के दौरान नामांकन पत्र में इस बात का भी उल्लेख नहीं किया गया है कि उनकी पुत्रवधू ने उन पर और उनके परिवार पर एक आपराधिक केस दर्ज किया है। प्रार्थी सुखदेव भगत ने रामेश्वर उरांव के निर्वाचन को रद्द करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि पूर्व में रामेश्वर उरांव ने इस मामले में कोर्ट को बताया था कि इस केस में उनका समझौता हो चुका है। बताया गया है कि उनकी पुत्रवधू ने घरेलू हिंसा को लेकर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, पटना की अदालत में केस दर्ज किया है, जिसकी जानकारी रामेश्वर उरांव ने नामांकन पत्र में नहीं दी है।
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