- Sponsored -
जबलपुर हाइकोर्ट द्वारा दिये गए आदेश के मुताबिक, कोल इंडिया के कर्मचारियों के नए वेतन समझौते (एनसीडब्लयूए-11) को रद्द किया गया है और इस मामले की सुनवाई के लिए डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेज (डीपीइ) को बुलाया गया है। इसके बाद, हाइकोर्ट ने सभी पक्षों को 60 दिनों के भीतर इस मामले की सुनवाई करने के लिए निर्णय लेने का आदेश दिया है।
यह मामला उस समय के बारे में है जब कोल इंडिया के कर्मचारियों के बीच वेतन समझौता (एनसीडब्लयूए-11) किया गया था। इस समझौते के बाद, कुछ कोल इंडिया के अधिकारियों ने यह दावा किया कि कर्मचारियों का वेतन उनके अधिकारियों से अधिक हो गया है, जो कि भारत सरकार की कैबिनेट द्वारा पारित डीपीइ की गाइड लाइन का उल्लंघन माना जा रहा है।
- Sponsored -
इस मामले में, कोल इंडिया के अधिकारियों ने जबलपुर हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें कहा गया था कि उनका वेतन कर्मचारियों से अधिक हो गया है और इसका उल्लंघन है। हाइकोर्ट ने इस याचिका को सुनने के लिए स्वीकार कर लिया है और निर्णय लेने के लिए वक्त दिया है।
कोल इंडिया के करीब तीन लाख कर्मचारी इस वेतन समझौते का लाभ प्राप्त कर चुके हैं, लेकिन इसके परिणामस्वरूप अधिकारियों का वेतन उनके तय किए गए मौलिक अधिकार से कम हो गया है। इसके परिणामस्वरूप, इस मामले की सुनवाई के लिए हाइकोर्ट द्वारा आदेश दिया गया है और डीपीइ को इस समय के अंदर सुनवाई करने का आदेश दिया गया है।
- Sponsored -
Comments are closed.