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लोगों में नशा मुक्ति इच्छाशक्ति जागरूक करना जरूरी : जगरनाथ महतो

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  • तम्बाकू एवं अन्य नशीली चीजों से झारखंड को बचाना प्राथमिकता : बन्ना गुप्ता
    शिक्षा मंत्री व स्वास्थ्य मंत्री संयुक्त रूप से तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान क्रियान्वयन निर्देशिका का किया विमोचन
    रांची : शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा कि हमें लोगों में नशा छोड़ने की इच्छाशक्ति को लेकर जागरूक करना जरूरी है। कानून की सख्ती के साथ लोगों को जागरूक करने से अप्रत्याशित परिणाम निकल कर सामने आयेंगे। वहीं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से झारखंड के लोगों को बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसी कारण मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन के नेतृत्व वाली हमारी सरकार ने राजस्व के नुकसान की परवाह किये बगैर लोगों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखा है और तम्बाकू को राज्य में प्रतिबंधित किया है। एमडीआई भवन सभागार, धुर्वा में शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संयुक्त रूप से तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान के लिए क्रियान्वयन निर्देशिका का विमोचन किया। यह क्रियान्वयन निर्देशिका स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग , झारखंड सरकार एवं सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीडस) के द्वारा तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (टीओएफईआई) की गतिविधियों का अनुपालन सुनिशिचत कराने के लिए बनाई गई है। कार्यक्रम में निदेशक माध्यमिक शिक्षा सुनील कुमार सहित अन्य पदाधिकारिगण एवं ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव स्कूल जगन्नाथपुर,रांची के बच्चे उपस्थित थे।
    नशा छोड़कर इम्युनिटी बढ़ायें
    शिक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों के साथ शिक्षकों को भी तम्बाकू के दुष्परिणामों से अवगत करना होगा। उन्होंने कहा कि नशा करने से इम्युनिटी पावर घटती है, फलस्वरुप हम जल्द ही बीमार हो जाते हैं। नशा मुक्त समाज से ही स्वस्थ झारखण्ड की कल्पना की जा सकती है। उन्होंने अपना उदाहरण देते हुये कहा कि वे किसी भी तरह का नशा नहीं करते हैं। जिसके कारण उनकी इम्युनिटी पावर मजबूत हैं और इसी वजह से वे आज मौत के मुंह से निकल कर जीवित खड़े हैं । इसलिये उन्होंने लोगों को नशा छोड़ने और अपनी इम्युनिटी बढ़ाने की सलाह दी।
    झारखण्ड के लोगों का स्वास्थ्य सर्वोपरि
    स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तंबाकू के सेवन से झारखंड के लोगों को बचाना हमारी सरकार की प्राथमिकता है। फूड सेफ्टी एक्ट के तहत सरकार ने 11 नामजद तम्बाकू पदार्थों को राज्य में प्रतिबंधित किया हैं। तम्बाकू उन्मूलन अभियान को सख्ती के साथ लागू किया है। डब्लूएचओ ने भी झारखंड में तम्बाकू उन्मूलन अभियान के कार्य को प्रोत्साहित किया है। हमें सम्मानित किया है और पुरस्कृत भी किया है। तम्बाकू उन्मूलन अभियान से पहले झारखंड में 50 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते थे, परंतु सभी के अथक प्रयास के बाद अब यह घट कर 38.9 प्रतिशत पर आ गया है। हमें और प्रयास करने की जरूरत है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को नशा सेवन के अभिशाप से मुक्त कर पाएं। स्कूल के बच्चों को तम्बाकू सेवन से मुक्ति के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसमें स्कूल परिसर के 100 गज के दायरे में किसी तरह के तम्बाकू की खरीद बिक्री पर पूरी तरह रोक है। कोटपा कानून लागू है, जिसमें सजा के प्रावधान हैं।
    स्कूल अभियान गंभीरता से चलायें
    सचिव राजेश कुमार शर्मा ने कहा कि स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग झारखंड सरकार एवं सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीडस) द्वारा तम्बाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (टीओएफईआई)के गतिविधियों का अनुपालन सुनिश्चित कराने के लिए क्रियान्वयन निर्देशिका विकसित की गई है। स्कूल तम्बाकू उन्मूलन अभियान को गंभीरता से चलाये। स्कूल के बच्चे, शिक्षक एवं स्कूल के कर्मचारी इस अभियान से जुड़ें और राज्य को नशा मुक्त करने में विभाग की मदद करे।
    झारखंड में 38.9 प्रतिशत लोग करते हैं तम्बाकू का सेवन
    दीपक मिश्रा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सीड्स, नई दिल्ली ने तम्बाकू के दुष्परिणामों, कानून में तम्बाकू की खरीद-बिक्री के बारे में इसके सजा के प्रावधान से संबंधित जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी। उन्होंने बताया कि भारत में तम्बाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख लोगों की मौत होती है। उन्होंने कहा कि झारखंड में 38.9 प्रतिशत लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं, जिसमें से 34.5प्रतिशत लोग चबाने वाले तम्बाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे-19 के अनुसार झारखंड में 13.15 वर्ष के 5.1 प्रतिशत बच्चे /अवयस्क किसी ना किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करते हैं।
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