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रांची:झारखंड में उत्पन्न राजनीतिक हलचल के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज बिना किसी का नाम लिये केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर जमकर प्रहार किया।
श्री सोरेन ने शुक्रवार को सुबह में यूपीए विधायकों की बैठक में शामिल होने के बाद दोपहर में लातेहार के नेतरहाट पहुंचे,जहां उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए श्री सोरेन ने कहा कि ईडी, सीबीआई, आईटी और अन्य केंद्रीय जांच एजेंसियों के माध्यम से पैरों में बेड़ियां बांधने की कोशिश हो रही है, लेकिन उन्हें यह समझना चाहिए कि यह कुर्सी विरोधियों ने नहीं दी है, जनता ने इस कुर्सी पर बैठाया है। उन्होंने कहा कि नेतरहाट फायंिरग रेंज आने का काय्रक्रम पहले से घोषित था, लेकिन शैतानी शक्तियों ने रोड़ा अटकाने का प्रयास किया। परंतु उन्हें यह अच्छी तरह से समझना चाहिए कि वे आदिवासी का बच्चा है, किसी व्यवसायी का बच्चा नहीं है, जो डर जाएगा। आदिवासियों ने इतना आंदोलन किया है, अब उनमें डर-भय रहा ही नहीं।
श्री सोरेन ने कहा कि झारखंड में अधिकांश समय तक बीजेपी ने शासन किया, जब वे सत्ता में आये, तो पिछड़ेपन के कारणों को खोजने का प्रयास शुरू किया, तो पता चला कि झारखंड का 1.36लाख करोड़ रुपये केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रमों पर बकाया है, जब इस राशि को मांगना शुरू किया, तो हजार-बारह सौ करोड़ रुपये मिले भी, लेकिन अब खनिज संपदा उत्खनन से हक मांगने की आवाज तेज की, तो केंद्र सरकार ने अपनी सरकारी एजेंसियों को दौड़ा दिया।
श्री सोरेन ने कहा कि जब उन्होंने देखा कि साढ़ पकड़ में आ नहीं रहा है, तो गुरुजी (जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन) जो उम्र की इस पड़ाव में है, उन्हें सीढ़ी बनाकर लोकपाल में केस कर मुझ तक (हेमंत सोरेन) पहुंचने की कोशिश शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि जब तक खून का एक भी कतरा बचेगा, वे डरने वाले नहीं है।
उन्होंने कहा कि छह-सात महीने से उन्हें सत्ता से बेदखल करने की जोरदार कोशिश हो रही है, गर्दन पर आरी चलाने की कोशिश हो रही है लेकिन जिस डोरी के माध्यम से वे आगे बढ़ते है, उनकी वह डोरी ही टूट जाती है। ऐसे में झारखंड की मिट्टी के सभी नौजवानों को सावधान रहने की जरूरत है, यदि लोग सचेत नहीं रहेंगे, तो जंगल में रहने वाले लोगों को व्यवसायी बाजार में बेच देंगे। देश में आज अजीबोगरीब स्थिति है। राष्ट्र की संपत्ति को व्यवसायी लगातार बेच रहे है और जब उन्हें रोकने की कोशिश की गयी, तो उनके इशारे पर ही फंसाने की कोशिश की जा रही है।
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