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विदेशी लीगों में नियमित खेलने से भारतीय बल्लेबाजों को फायदा हुआ है: बिस्माह

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बर्मिंघम: पाकिस्तान की कप्तान बिस्माह मारूफ का मानना ??है कि विदेशी लीगों में नियमित रूप से खेलने से भारत के बल्लेबाजों को काफी फायदा हुआ है। उनकी टीम के खिलाड़यिों को यह मौका नहीं मिलता।
बिस्माह ने राष्ट्रमंडल खेलों में पाकिस्तान को भारत के हाथ मिली आठ विकेट की करारी हार के बाद कहा, “भारतीय खिलाड़ी और बल्लेबाज विभिन्न लीग में खेलने के बाद काफी विकसित हुईं हैं। साथ ही उन्होंने आत्मविश्वास भी हासिल किया है। हमारे खिलाड़ियों के साथ ऐसा नहीं है। एक बार जब हमारे खिलाड़यिों को इस तरह के अवसर मिलने लगेंगे तो वे अच्छी तरह से विकसित होंगे और आत्मविश्वासी बनेंगे।” स्मृति मंधाना , हरमनप्रीत कौर, जेमिमाह रॉड्रिग्स, शेफाली वर्मा, पूनम यादव, ऋचा घोष, राधा यादव और दीप्ति शर्मा 2021-22 में महिला बिग बैश लीग का हिस्सा थीं। हरमनप्रीत और पूजा वस्त्रकर आगामी सत्र का हिस्सा बनने के लिए तैयार हैं। स्मृति, हरमनप्रीत, जेमिमाह, शेफाली और दीप्ति भी पिछले साल ‘द हंड्रेड’ के उद्घाटन सत्र का हिस्सा थीं।
दूसरी ओर 2019-20 में निदा डार डब्ल्यूबीबीएल में शामिल होने वाली पाकिस्तान की पहली और अब तक एकमात्र खिलाड़ी थीं, जबकि कोई भी पाकिस्तान की महिला खिलाड़ी द हंड्रेड में शामिल नहीं था। बिस्माह इस साल की शुरुआत में पाकिस्तान टीम की साथी आलिया रियाज, डायना बेग, फातिमा सना और पूर्व कप्तान सना मीर के साथ फेयरब्रेक इनविटेशनल टूर्नामेंट का हिस्सा थीं बिस्माह ने पावर-हिंिटग पर पाकिस्तान के दृष्टिकोण के बारे में कहा, “हम मिक्स-एंड-मैच क्रिकेट की शैली के साथ खेल रहे हैं क्योंकि यह टीम की आवश्यकता है। किसी को ऐंकर की भूमिका निभानी होती है और बीच में रहना होता है लेकिन जिन पावर-हिटर्स पर हम भरोसा करते हैं, वे हमारे लिए चीजों को अंजाम नहीं दे सके हैं। इस क्षेत्र में हमें काम करना होगा।” बिस्माह ने महिला पीएसएल के आयोजन पर उम्मीद जताई है, जिसे पीसीबी अध्यक्ष रमीज राजा ने प्रस्तावित किया था। “हम उम्मीद कर रहे हैं कि महिला पीएसएल को लॉन्च किया जाएगा। उम्मीद है कि यह अमल में लाई जाएगी और हमारी बेंच स्ट्रेंथ मजबूत होगी।” इस साल की शुरुआत में महिला विश्व कप के दौरान, बिस्माह की बेटी (फातिमा) फोटोग्राफरों और खिलाड़यिों के लिए समान रूप से प्रिय थी। राष्ट्रमंडल खेलों में बिस्माह की भागीदारी संदेह में थी क्योंकि उनकी बेटी को उनके साथ आने की अनुमति नहीं दी गई थी। हालांकि बाद में पीसीबी ने इसके लिए केस लड़ा और बाद में बिस्माह की मां को उनके साथ आने के लिए अनुमति दी गई, ताकि वह बच्ची की देखभाल कर सकें।बिस्माह से जब पूछा गया कि क्या फातिमा राष्ट्रमंडल खेलों का आनंद ले रही हैं, तो उन्होंने कहा, “मेरे लिए उसे अपने साथ रखना महत्वपूर्ण था, क्योंकि मैं उसे घर पर नहीं छोड़ सकती थी। इस मामले को सुलझाने के लिए पीसीबी को श्रेय जाता है। साथ ही बोर्ड के प्रति भी बहुत आभारी हूं। जब भी फातिमा दूसरी टीम के खिलाड़यिों से मिलती है, तो वह (भी) इसका बहुत आनंद लेती है। यह मैनेज करना थोड़ा कठिन है। लेकिन मैं खेलने के लिए उत्सुक हूं और पाकिस्तान की सेवा करना और नेतृत्व करना एक सम्मान की बात मानती हूं। मैं अपनी बेटी के लिए भी समय निकालने का प्रयास कर रही हूं।

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