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झरिया के डिगवाडीह में आयोजित हुआ भाकपा(माले)का जिला स्तरीय मजदूर कन्वेंशन
झरिया/जोरपोखर। बामपंथी विचारधारा संगठनो को एक मंच पर आना होगा। सरकारी एजेंट मजदूरों को गुमराह करते है कि आंदोलन से कुछ नहीं होता। उन्हें किसान आंदोलन से सिख लेने की जरूरत है।अब देश मे मजदूर किसानों की सरकार बनना तय है।आगामी चुनाव में देश के पाँच राज्यों में भाजपा का सूपड़ा साफ हो जाएगा। उक्त बातें भाकपा(माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने सोमवार को झरिया के डिगवाडीह बाजार स्थित एक धर्मशाला में आयोजित भाकपा(माले) के जिला स्तरीय मजदूर कन्वेंशन को संबोधित करने के दौरान कही।
काले श्रम कानून को हटाने के लिए एक मंच पर आना जरूरी
श्री भट्टाचार्य ने मजदूरों को सम्बोधित करते हुए कहा कि किसानों ने जिस प्रकार से अपनी एकता दिखाते हुए मोदी सरकार को झुकने पर मजबूर कर दिया। उसी तरह अगर मजदूर संगठन भी एक मंच पर आएंगे तो श्रम कानून(काला कानून) को हटाने के लिए सरकार बाध्य हो जाएगी। कहा कि राष्ट्रीय करण के 50 वर्ष पूरे होने पर केंद्र के पूंजीपतियों की सरकार ने सभी सरकारी कल कारखाने को अडानी, अंबानी के हाथों गिरवी रखने का काम किया है। जो अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है।
मजदूरों के विरुद्ध उठ रहे ताकतों का विरोध करना होगा: मनोज
भाकपा माले के राज्य सचिव मनोज भगत ने कहा कि रेलवे,बैंक,कोलियरी,स्टील क्षेत्र के संगठित हो या असंगठित सभी मजदूरों को एक मंच पर आना होगा,मजदूरों के खिलाफ उठ रही ताकतों का विरोध करना होगा। नही तो निजीकरण से बचा नही जा सकता। कार्यक्रम को अध्यक्षीय मंडली उपेन्द्र सिंह,कार्तिक प्रसाद,नकुल देव सिंह,जनार्दन प्रसाद,मनोरंजन मल्लिक,जगदीश शर्मा,बालेश्वर गोप,सरोज देवी,नीलम शंकर,सुमित्रा दास आदि ने संबोधित किया वही संचालन नागेंद्र कुमार ने किया।
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