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रांची : झामुमो के केंद्रीय समिति के सदस्य सुप्रियो भट्टाचार्या ने ईडी द्वारा सीए जे जयपुरियार के यहां छापेमारी को लेकर कहा कि वह पिछले 10-12 वर्षों से झामुमो के चार्टर्ड अकांउटेंट थे। जो सच है उसे स्वीकार करने में कोई परेशानी नहीं है। परंतु ईडी की कार्रवाई पर ऐसा नैरेटिव सेट किया जाता है कि जिसके यहां भी ईडी की कार्रवाई कर रही है, वह मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का करीबी है, ऐसा कहना गलत है। श्री भट्टाचार्य बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, हमने आपत्ति भी दर्ज करा दी है। देश में कहीं भी कोई जांच एजेंसी काम नहीं कर रही है। लेकिन, जहां गैरभाजपायी राज्यों जैसे झारखंड, बंगाल या राजस्थान हो यहां जांच एजेंसी पूरी हरकत में है। ठीक ही कहा है बिहार के एक नेता ने भाजपा के तीन जमाई आईटी, ईडी, सीबीआई कहा है। उन्होंने कहा कि आप जांच की तह तक जाओ। हम सहयोग करेंगे। लेकिन नैरेटिव सेट मत करो। यदि भ्रष्टाचार हुआ है और जिसके कालखंड में हुआ है उस कालखंड की सच्चाई बताओ। हमलोग जिम्मेवारी के साथ कहते हैं कि यदि कहीं भी कोई भ्रष्टाचार हुआ है उसका उद्भेदन होना चाहिए। सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि प्रेम प्रकाश का पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास से क्या संबंध रहा है? कौन है ये कहां से आया? देवघर में उनके सचिव के बेटे के फंक्शन में कौन शामिल हुआ था। यह किसी से छुपा है क्या। परंतु कभी यह क्यों नहीं आता कि प्रेम प्रकाश का रघुवर दास से संबंध है या करीबी हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी मानहानि जैसे कदम नहीं उठाना चाहती। इसलिए वैसे लोगों को यह संदेश देना चाहती है कि हर कार्रवाई को मुख्यमंत्री से जोड़ कर नैरेटिव सेट न करें। जब से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड के मूलवासी, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यकों के बच्चों को उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए विदेश में पढ़ाई की योजना की शुरूआत की है, तब से वह भाजपा की आंख की किरकिरी बन गये हैं। जिस-जिस राज्य ने शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करना शुरू किया, वहां की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश शुरू हो गई। मनीष सिसोदिया पर भी इसी वजह से कार्रवाई हो रही है। तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड सब जगह इसलिए ईडी और सीबीआई की छापेमारी हो रही है। क्योंकि वहां की सरकार के मुखिया या अन्य नेता शिंदे बनने को तैयार नहीं हुए। देश को तानाशाही व्यवस्था की ओर ले जाने की कोशिश केंद्र की सरकार कर रही है, जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।
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