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गढ़वा। जिले के कांडी प्रखंड के खरौंधा पंचायत के 45 लोग सात साल बाद अचानक जिंदा हो गए। मुखिया द्वारा जीवित होने का प्रमाण पत्र मिलने के बाद वे अपने आप को जीवित होने का प्रमाण देने डीसी कार्यालय पहुंचे थे।
जानकारी के अनुसार 2016 में पंचायत के तत्कालीन जन प्रतिनिधियों ने खरौंधा पंचायत के 36 महिलाओं और नौ पुरुष सहित कुल 45 बीपीएल कार्डधारियों को मृत होने की रिपोर्ट जिला खाद्य आपूर्ति विभाग को दे दी थी। उसके बाद जिला के बीपीएल कार्डधारियों की सूची ने उनका नाम काट दिया गया और उन्हें प्रति माह मिलने वाले बीपीएल राशन से वंचित कर दिया गया। जब ये गरीब इसकी शिकायत करने संबंधित आॅफिस पहुंचे तो उन्हें बताया गया की उनकी मौत हो चुकी है। इस कारण उनका नाम बीपीएल सूची से हटा दिया गया है। अपने को जीवित बताते हुए गरीब बार-बार आॅफिस जाते लेकिन उन्हें वहां से डांट कर भगा दिया जाता। तब से वे सरकारी राशन से वंचित हो गए। कुछ महीने पहले निर्वाचित पंचायत के नए मुखिया पारिखा पासवान और उप मुखिया रविरंजन महतो ने इस मामले की जांच की। जांच के दौरान सभी मृतक जीवित पाए गए। मुखिया ने उन्हें जीवित होने का प्रमाण पत्र दिया। सामाजिक कार्यकर्ता किसान पुष्परंजन के सहयोग से ग्रामीण उसी प्रमाण पत्र के साथ गढ़वा समाहरणालय पहुंचे थे। ताकि वे डीसी साहब को जिंदा होने का प्रमाण दे सकें। ग्रामीणों ने डीसी रमेश घोलप से मुलाकात कर अपनी परेशानी बताई। कहा कि अकाल की इस दौर में वे जिंदा नहीं बचेंगे। डीसी ने फौरन बीडीओ को इसकी जांच करने का आदेश दिया। कहा कि उसके बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने ग्रामीणों से जांच में सहयोग करने की अपील की।
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