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तिहरे हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास

अरुण दत्ता औऱ रिझु सिंह हत्याकांड में कोर्ट ने सुनाया फैसला

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court hammerतीन आरोपियों को साक्ष्य के अभाव में बरी किया
लातेहार:- बरवाडीह का चर्चित तिहरे हत्याकांड के आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाया गया है। प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश मनोज कुमार त्रिपाठी की अदालत ने ऐतिहासिक बरवाडीह थाना कांड संख्या 42/13 के आरोपियों की सुनवाई के उपरांत यह सजा सुनाया है। श्री त्रिपाठी की अदालत ने ट्रायल फेस कर रहे अशोक सिंह, कमलेश पासवान एवं अयूब खान को साक्ष्य के अभाव में बाइज्जत बरी किया है, जबकि हत्या के आरोप साबित होने पर रविंद्र पासवान एवं जितेंद्र पासवान को विभिन्न धाराओं में आजीवन कारावास ,10 साल की सजा एवं अधिकतम ₹20000 का अर्थदंड लगाया है। वही साक्ष्य छिपाने के आरोपी अखिलेश कुमार एवं मुकेश कुमार को 3-3 वर्षों का कारावास एवं ₹5000 का अर्थदंड लगाया है, जबकि एक अन्य आरोपी नसरुद्दीन अंसारी को अपराध छिपाने का प्रयास का दोषी पाते हुए 3 साल की कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड मुकर्रर किया है। मामले के अनुसार गत 11 जून 2013 को बरवाडीह निवासी रिझु सिंह एवं डाल्टेनगंज निवासी अरुण कुमार दत्ता तथा रिझु सिंह के पुत्र को अपहरण कर ले जाने का नामजद मुकदमा दायर कराया था। सूचक समीर कुमार दत्ता ने उपरोक्त प्राथमिकी दर्ज कराते हुए बरवाडीह निवासी सगे भाइयों जितेंद्र पासवान व रविंद्र पासवान, नन्हे हसन,गुडन देवी के दो पुत्रों जीशान व सेबी ,व धीरज सिंह को नामजद अभियुक्त बनाया था। घटना के कई दिनों के बाद अरुण कुमार दत्ता एवं रिझु सिंह का शव बरवाडीह स्थित हुतार कोलियरी के कुआं से सड़ी हालत में बरामद किया गया था, जबकि रिझु सिंह का पुत्र अभी तक गायब है। मामले के विचारण के दौरान अदालत ने यह फैसला सुनाया है ।अभियोजन पक्ष की ओर से प्रभारी लोक अभियोजक बलराम शाह एवं बचाव पक्ष की ओर से वरीय अधिवक्ता लाल जयप्रकाश नाथ शाहदेव, अधिवक्ता सुनील कुमार एवं बनवारी प्रसाद ने बहस किया था। श्री त्रिपाठी की अदालत ने रविंद्र पासवान एवं जितेंद्र पासवान को भादवि की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास एवं ₹20000 अर्थदंड, अर्थदंड का भुगतान नहीं करने पर 2 साल का कठोर कारावास, भादवि की धारा 364 के तहत 10 साल कारावास एवं ₹10000 जुर्माना और भुगतान नहीं करने पर 1 साल का कठोर कारावास तथा भादवि की धारा 201/ 34 के तहत 3 साल कारावास एवं ₹5000 का जुर्माना जुर्माना नहीं देने की स्थिति में 6 माह का कठोर कारावास, अखिलेश कुमार एवं मुकेश कुमार को भादवि की धारा 201/ 34 के तहत 3- 3 साल का कारावास एवं ₹5000 का अर्थदंड अर्थदंड नहीं देने पर 6 माह का कठोर कारावास एवं नसरुद्दीन अंसारी को भादवि की धारा 212/ 34 के तहत 3 साल का कारावास एवं ₹5000 अर्थदंड और भुगतान नहीं करने पर छह माह कठोर कारावास की सजा सुनाया है ,जबकि अशोक सिंह कमलेश पासवान एवं अयूब खान को साक्ष्य के अभाव में बरी किया है। मालूम हो वर्ष 2013 का यह सर्वाधिक चर्चित मामला था। इस घटना को लेकर काफी जनाक्रोश फैला था एवं पुलिस को जनाक्रोश झेलनी पड़ी थी।

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