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पांकी/पलामू: प्रखंड के टाटीदीरी, परसावा, खाडपर, हरखुआ लोहारसी आदि कई जगहों पर हजरत इमाम हुसैन की याद में ताजिया निकाला गया मौके पर उपस्थित जिला परिषद सदस्य भाजपा प्रदेश प्रवक्ता महिला मोर्चा लवली गुप्ता ने कहा कि मोहर्रम इमाम हुसैन की शहादत को याद करने का दिन है। मोहर्रम का महीना इस्लामी कैलेंडर का पहला दिन होता है ।यह महीना शिया और सुन्नी मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह के दसवें दिन आशूरा मनाया जाता है। यह इस्लाम मजहब का प्रमुख त्यौहार है आशूरा के दिन इमाम हुसैन का कर्बला की लड़ाई में सिर कलम कर दिया था और उनकी याद में इस दिन जुलूस और ताजिया निकालने की रिवायत है ।असुरा के दिन तैमूरी रिवायत को मनाने वाले मुसलमान भाई रोजा नमाज के साथ दिन तजिया-अखाडो को दफन या ठंडा कर शोक मनाते हैं। यह परव इमाम हुसैन की शहादत की याद में मनाया जाता है यह पर्व कोई और नहीं बल्कि मातम का दिन है इमाम हुसैन अल्लाह के रसूल मोहम्मद साहब के मरने के बाद यजीद खुद को खलीफा घोषित कर दिया। लोगों को गुलाम बनाने के लिए उन पर अत्याचार करने लगा यजीद पूरे अरब पर कब्जा चाहता था। लेकिन उनके सामने हजरत मुहम्मद के बारिश और उनके कुछ साथियों ने यजीद के सामने अपने घुटने नहीं टेके और जमकर मुकाबला किया अपने बीवी बच्चों की सलामती के लिए इमाम हुसैन मदीना से इराक की तरफ जा रहे थे तभी रास्ते में कर्बला के पास यजीद ने उन पर हमला कर दिया इमाम हुसैन और उनके साथियों ने मिलकर यजीद्द से डटकर सामना किया हुसैन के काफिले में 72 लोग थे और यजीद के पास 8ं,000 से अधिक सैनिक थे लेकिन फिर भी उन लोगों ने यजीद के सामने घुटने नहीं टेके। सत्य और हक के लिए हजरत इमाम हुसैन ने अपने जानो की कुबार्नी दे दी। मौके पर समाजसेवी अनूप गुप्ता, उपेंद्र गुप्ता ,संजीव कुमार ,कुतुबुद्दीन मियां ,मेराज अंसारी ,रेयाज अंसारी इत्यादि गन्यमान व्यक्ति उपस्थित थे।
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