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रांची : झारखंड हाईकोर्ट ने माननीयों (सांसदों-विधायकों) पर लंबित मामलों की जानकारी सरकार और सीबीआई से मांगी है। अदालत ने दोनों से यह बताने को कहा है कि माननीयों के खिलाफ कितने मामले लंबित हैं। कितने में अनुसंधान चल रहा है। कितने मामलों में आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। कितने में ट्रायल चल रहे हैं। ट्रायल अभी किस चरण में है। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अदालत ने 16 सितंबर तक उक्त सभी जानकारी देने का निर्देश दिया।
शुक्रवार को सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से बताया गया कि फरवरी 2022 से अबतक एमएलए-एमपी से जुड़े नौ केस निष्पादित हो चुके हैं। इनमें धनबाद कोर्ट में एक, रांची में दो, डालटनगंज में एक और चाईबासा में तीन मामले शामिल हैं। इस पर अदालत ने सरकार से कहा कि वह अगली तिथि को नवीनतम रिपोर्ट पेश करे। रिपोर्ट में सभी मामलों का विस्तार से जानकारी देने का निर्देश अदालत ने दिया। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि एमपी-एमएलए से जुड़े कई मामले सीबीआई कोर्ट में भी लंबित हैं। कुछ मामले ईडी में भी चल रहे हैं। इसकी जानकारी ईडी और सीबीआई से मांगी जाए। इस पर अदालत ने सीबीआई को भी मामलों से संबंधित विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया। इस मामले में सरकार की ओर से वर्ष 2021 में आपराधिक मामलों का विस्तृत ब्योरा हाईकोर्ट में पेश किया गया था। उस समय झारखंड में जनप्रतिनिधयों के खिलाफ कुल 167 मामले दर्ज थे। इनमें वर्तमान और पूर्व सांसद व विधायक शामिल हैं। वर्तमान सांसदों के खिलाफ पांच और विधायकों के खिलाफ 83 मामले थे। पूर्व सांसदों के खिलाफ नौ और पूर्व विधायकों पर 70 मामले दर्ज थे। 59 मामलों में आरोप गठन नहीं हुआ था। 101 मामले ट्रायल कोर्ट में थे। सात में हाईकोर्ट ने रोक लगायी है। सांसदों-विधायकों के खिलाफ राज्य के 24 जिलों में से 23 जिलों की विभिन्न अदालतों में मुकदमे चल रहे थे। इनमें भी 21 मुकदमे सेशन कोर्ट, दो विशेष न्यायालय और 139 न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट में लंबित थे। पूर्व की रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2005, 2009 और 2010 के मामले भी निष्पादित नहीं हुए थे। कई मामलों का अनुसंधान पूरा नहीं हो सका था। कई मामलों में आरोपियों को समन तो किया गया, लेकिन वे अदालत में उपस्थित नहीं हो सके थे।
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