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पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश के चलते उत्तराखंड के कई गांवों में खतरा

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 हिमाचल प्रदेश को उत्तराखंड को बड़ा भाई कहा जाता है। उत्तराखंड के के हालातों से सभी चिंतित है। जोशीमठ की तरह ही हिमाचल की राजधानी शिमला के कोटगढ़ में कई गांवों में खतरा मंडरा रहा है। कोटगढ़ के कई गांवों में लोगों के घरों में दरारें आ गई है। इस बीच कई लोगों के घरों को खाली भी करवाया गया। बारिश की वजह सेब की फसल को भी भारी नुकसान पहुंचा है। लोगों में सरकार के खिलाफ गुस्सा देखने को मिल रहा है।जानकारी के अनुसार, तेज बारिश के चलते कोटगढ़ के गांवो में सेब के बगीचे तबाह हो गए। इस इलाके के लगभग 40 घरों को खतरा पैदा हो गया है। एक घर को पूरी तरह से खाली करवा दिया गया है। यहां के लोग अब डर के साए में जी रहे हैं। कोटगढ़ के भरेड़ी गांव की सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें आ गई है। बताया जा रहा है भरेड़ी गांव के अलावा कई इलाकों में जमीन धंसती जा रही है। बहुत से घरों को खतरा पैदा हो गया है। बारिश ने पैदा हुए हालात10 और 20 जुलाई को कोटगढ़ के इन इलाकों में काफी तेज बारिश हुई थी। जिसके बाद ऐसे हालात पैदा हो गए हैं। लोगों की जमीन लगातार धंसती जा रही है। कई गांवों में पीने के पानी का भी संकट पैदा हो गया है। गांव के लोग प्राकृतिक स्त्रोतों पर निर्भर हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर केंद्र सरकार द्वारा इसे राष्ट्र आपदा घोषित नहीं किया गया तो बहुत से लोग जमीन और घरों से हाथ दो बैठेंगे। इस गांव के लोग बेघर हो जाएंगे।सेब की फसल तबाहलोगों का कहना है कि भारी बारिश के चलते उनकी सेब की फसल भी तबाह हो गई है। उन्होंने कहा कि अब हमें सेब की चिंता नहीं, हमें तो सिर्फ अपने घरों की चिंता है। वहीं कोटगढ़ के भरेड़ी गांव की बुजुर्ग महिला का घर खाली करवा दिया गया है। महिला ने बहू और पोते-पोतियों को मायके भेज दिया है। बुजुर्ग महिला ने कहा कि जीवन भर की कमाई धीरे धीरे मिट्टी में मिल रही है। कोटखाई में भी ऐसे हालातकोटखाई के भी कई इलाकों में बारिश से भारी नुकसान हुआ है। 3 भवन और 27 दुकानें जमींदोज हो चुके हैं। बाजार के आधे हिस्से पर खतरा मंडरा रहा है। 19 जुलाई की रात को बादल फटने से इलाके में भारी नुकसान हुआ था। कई बागवानों के सेब के बागीचे मलबे में तब्दील हो चुके है। किसानों की सालभर की मेहनत मिट्टी में मिल गई है। छोटे बागवानों पर भी बारिश कहर बनकर टूटी है। कई बागवानों का कहना है कि उनपर लाखों का कर्ज है। उनपर रोटी रोटी का भी संकट है।मंत्रियों ने किया दौराहिमाचल प्रदेश के बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी और शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने ऊपरी शिमला का दौरा किया। उन्होंने ठियोग, छैला, गुम्मा, कोटखाई, खलटूनाला में बारिश से हुए नुकसान का जायजा लिया। शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आपदा प्रभावितों की हरसंभव मदद की जाएगी। मौसम खराब रहा और सड़क मार्ग बहाल नहीं होने पर वैकल्पिक मार्गों से फल मंडियों तक ले जाया जाएगा।

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