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हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने सोमवार को राज्य भर के होटलों, रेस्तरां, बार और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों में ग्राहकों को हुक्का परोसने पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की. हालांकि, यह आदेश ग्रामीण इलाकों में इस्तेमाल होने वाले पारंपरिक हुक्के पर लागू नहीं होगा.
यह कदम कुछ महीने पहले हरियाणा विधानसभा के अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता द्वारा राज्य में होटल, रेस्तरां, पब, बार और नाइट क्लब में हुक्का परोसने पर प्रतिबंध लगाने की मांग के बाद उठाया गया है.
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हुक्का पर प्रतिबंध के इस फैसले का क्या प्रभाव पड़ेगा, यह देखना होगा. कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला नशे को रोकने में मददगार होगा, जबकि अन्य का मानना है कि यह व्यवसायियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
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हुक्का पर प्रतिबंध के संभावित प्रभाव
हुक्का पर प्रतिबंध के निम्नलिखित संभावित प्रभाव हो सकते हैं:
- नशे को रोकने में मदद: हुक्का में तम्बाकू के साथ-साथ अन्य हानिकारक रसायन भी होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं. हुक्का पर प्रतिबंध नशे को रोकने में मदद कर सकता है.
- व्यवसायों को नुकसान: हुक्का एक लोकप्रिय पेय है, और हुक्का बार और रेस्तरां में एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है. हुक्का पर प्रतिबंध व्यवसायियों को नुकसान पहुंचा सकता है.
- युवाओं को हतोत्साहित करना: हुक्का अक्सर युवाओं के बीच लोकप्रिय होता है. हुक्का पर प्रतिबंध युवाओं को हुक्का पीने से हतोत्साहित कर सकता है.
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