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भारतीय न्याय संहिता में महत्वपूर्ण बदलाव
देश में भागोड़े, जैसे कि दाऊद इब्राहिम, नीरव मोदी और विजय माल्या, के खिलाफ सरकार ने आगाही का संकेत दिया है। गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि इन भगोड़ों को देश छोड़कर भागने की वजह से उनके खिलाफ ट्रायल नहीं हो सकता है।
न्याय संहिता में बदलाव का महत्व
भारतीय न्याय संहिता में किए गए बदलावों का महत्वपूर्ण भूमिका है। यह बदलाव समाज में न्याय की प्रक्रिया को तेजी से पहुंचाने का प्रयास है। इसके तहत, भागोड़ों के खिलाफ एक नई प्रक्रिया को लागू किया जाएगा, जिससे उन्हें छिपने का मौका नहीं मिलेगा।
राजद्रोह कानून का अंत
गृह मंत्री ने यह भी घोषित किया कि सरकार राजद्रोह कानून को पूरी तरह से खत्म करने की योजना बना रही है। लोकतंत्र में बोलने का अधिकार होना चाहिए, लेकिन राजद्रोह को बदलाव से गुजरना आवश्यक है। यह कदम समाज में सद्भावना और शांति की दिशा में बड़ा परिवर्तन लाएगा।
महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध के खिलाफ नए प्रावधान
नई न्याय संहिता में महिलाओं और बच्चों के साथ अपराध के खिलाफ कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं। अब गैंगरेप के मामलों में 20 साल की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी। इससे समाज में यौन अपराधों के खिलाफ सख्त संदेश जाएगा।
सजाओं में बदलाव
न्याय संहिता में किए गए बदलाव सजाओं में भी एक बड़ा परिवर्तन लाएंगे। अब देश से भागने वाले अपराधियों के लिए सजा का प्रावधान 10 साल तक किया गया है। यदि कोई सजा माफ करनी चाहता है, तो मृत्यु की सजा को आजीवन कारावास में बदल सकता है, जिससे उन्हें अपने अपराध की गंभीरता का आभास होगा।
सुरक्षित समाज की दिशा में
यह नया कानून समाज की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे अपराधियों को सजा से डर का अहसास होगा और सामाजिक सुरक्षा बढ़ेगी।
समापन
नई भारतीय न्याय संहिता में किए गए बदलावों से सामाजिक न्याय की प्रक्रिया में सुधार होगा। यह नया प्रावधान भगोड़ों को छिपने का मौका नहीं देगा और समाज में न्याय की भावना को मजबूती से बढ़ावा देगा।
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