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भ्रष्टाचार के खिलाफ मामला दर्ज करने की एनजीओ ने लगाई गुहार

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कर्नाटक में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान चलाने वाले गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जनाधिकार संघर्ष परिषद (जेएसपी) ने मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई पर दीपावली की मिठाई के रूप में विभिन्न मीडिया हाउस के पत्रकारों को पैसा बांटने के आरोप लगाते हुए लोकायुक्त पुलिस से उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की गुहार लगायी है।

जेएसपी के उपाध्यक्ष आर्दश अय्यर ने लोकायुक्त एडीजेपी को लिखे पत्र में यह आरोप लगाये।श्री अय्यर ने कहा कि मीडिया रिपोर्टस को रिश्वत देकर मुख्यमंत्री सच को दबाने का प्रयास कर रहे हैं। यह रिश्वत लेकर मीडिया उनके, उनके सहयोगियों और मंत्रियों को अनैतिक लाभ लेने में मदद करेगी और राज्य की जनता को अंधेरे में रखा जायेगा।

जेएसपी ने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम 2018 के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। बयान में कहा गया कि दीपावली के उपहार केरूप में मिठाई के डिब्बों में छिपाकर बड़े बड़े मीडिया हाउसों के पत्रकारों को अनैतिक तरीके से पैसा मुहैया कराया गया और यह काम मुख्यमंत्री की ओर से किया गया। इसके लिए मुख्यमंत्री और उनके मीडिया कॉरडिनेटर के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किये जाए।

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सरकार के पक्ष में मीडिया को करने के मकसद से यह अनैतिक काम मुख्यमंत्री ने किया है।ऐसा करके वह अपनी सरकार के कुप्रशासन,आम जनता के पैसे के हो रहे दुरूपयोग को छिपाने और सरकारी मशीनरी का इस्तेमाल सरकार से जुड़े राजनीतिक दल को लाभ पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जेएसपी ने एक लाख से लेकर ढाई लाख तक की रिश्वत चुने गये मीडिया हाउसों के पत्रकारों को दीपावली की मिठाई के नाम पर बांटे जाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस ने भी इस मामले पर मुख्यमंत्री और भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और प्रकरण की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और आयकर विभाग से कराये जाने की मांग की है।

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कांग्रेस महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ट्वीट करके पूछा,“ 40 प्रतिशत मत पाने वाली सरकार पत्रकारों को एक लाख नकद बांट रही है । क्या श्री बोम्मई इस पर जवाब देंगे। क्या यह मुख्यमंत्री द्वारा दी गयी रिश्वत नहीं है। यह पैसा आया कहां से। क्या यह सरकारी खजाने से बांटा जा रहा है या मुख्यमंत्री की ओर से। क्या इस मामले का संज्ञान ईडी लेगी”।कर्नाटक कांग्रेस ने मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से पत्रकारों को बांटे गये रिश्वत के पैसों से भरे मिठाई के डिब्बे , मामले की न्यायिक जांच की मांग की। लोगों को यह जानना चाहिए कि कितना पैसा रिश्वत के तौर पर दिया जा रहा है, कितना लिया जा रहा है और कितना वापस आ रहा है।

एक अन्य ट्वीट में श्री बोम्मई के खिलाफ चलाये गये “ पे सीएम” अभियान को न्यायसंगत बताते हुए सवाल किया कि करदाताओं के पैसों को गलत तरीके से रिश्वत के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा था। क्या यह कमीशन भ्रष्टाचार में लगा पैसा नही है। यह पैसा आया कहां से। कितना पैसा रिश्वत में दिया गया और उससे कितना फायदा लिया गया। यह सरकार रिश्वत देती है और लेती भी है।

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