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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच जी20 शिखर सम्मेलन: द्विपक्षीय संबंधों की बातचीत

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  1. प्रस्तावना
  2. जी20 शिखर सम्मेलन का महत्व
  3. रात्रि भोज में बातचीत की शुरुआत
  4. द्विपक्षीय संबंधों की दुरुस्ती के लिए चर्चा
  5. चीन के राष्ट्रपति की दिल्ली यात्रा
  6. जी20 सम्मेलन में भागीदारी
  7. रूस के समर्थन का सवाल
  8. भविष्य की उम्मीद

प्रस्तावना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछले साल बाली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों नेताओं के बीच एक महत्वपूर्ण बातचीत हुई थी। यह बातचीत द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण थी और इसकी तस्वीरें भी सार्वजनिक हो गई थीं। विदेश मंत्रालय ने हाल ही में इस बातचीत की जानकारी साझा की है।

जी20 शिखर सम्मेलन का महत्व

जी20 शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन है, जिसमें विश्व के 20 प्रमुख आर्थिक राजनयिक शामिल होते हैं। इस सम्मेलन के दौरान विभिन्न राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होती है और देशों के नेताओं के बीच मुलाकातें भी होती हैं। नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत भारत-चीन संबंधों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम रही।

रात्रि भोज में बातचीत की शुरुआत

जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान रात्रि भोज का आयोजन किया गया था, जिसमें विभिन्न देशों के नेताओं को शामिल किया गया था। इस भोज में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एक-दूसरे का अभिवादन स्वीकार किया और विभिन्न मुद्दों पर बातचीत की शुरुआत की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर रखने के लिए गहराई से चर्चा की।

द्विपक्षीय संबंधों की दुरुस्ती के लिए चर्चा

भारत और चीन के बीच मई 2020 में उभरे गतिरोध के बाद से पहली बार नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की यह सार्वजनिक मुलाकात थी। दोनों नेताओं ने विभिन्न मुद्दों को समझने और समाधान के लिए दृढ़तापूर्वक बातचीत की। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत-चीन संबंधों को स्थायी बनाए रखने के लिए यह बातचीत एक महत्वपूर्ण कदम रही। दोनों नेताओं ने इस मुलाकात में उदारता से बात की और आपसी सहमति पर पहुंचे। इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया और संबंधों को सुधारने के उपायों पर विचार किया।

चीन के राष्ट्रपति की दिल्ली यात्रा

इस बातचीत के बाद, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने दिल्ली की यात्रा की, जिसमें उन्हें भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई। इस मुलाकात में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया। यह भारत-चीन संबंधों के लिए एक बड़ी सफलता रही, जो दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत बनाने में मदद करेगी।

जी20 सम्मेलन में भागीदारी

बातचीत के बाद, नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग ने जी20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए अपनी सहमति दी। इससे दोनों देशों के बीच विभिन्न मुद्दों पर बातचीत का मार्ग मिलेगा और संबंधों को सुधारने के लिए नए उपाय खोजे जा सकते हैं। जी20 सम्मेलन दोनों देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें वे अपने मुद्दों को साझा कर सकते हैं और संबंधों को मजबूत बना सकते हैं।

रूस के समर्थन का सवाल

जी20 सम्मेलन के दौरान एक और महत्वपूर्ण बात उजागर हुई, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के प्रस्ताव का समर्थन किया था। इससे संबंधित खबरें सामने आईं, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे ताक़त्त नहीं देखा।

रूस के समर्थन का सवाल

जी20 सम्मेलन के दौरान एक और महत्वपूर्ण बात उजागर हुई, जब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीन के प्रस्ताव का समर्थन किया था। इससे संबंधित खबरें सामने आईं, लेकिन विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इसे ताक़त्त नहीं देखा। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां नहीं देखी गईं हैं और इससे विवादों को दूर करने के लिए शांतिपूर्ण समाधान की तलाश जारी रहेगी।

भविष्य की उम्मीद

द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग की यह बातचीत एक अच्छी शुरुआत है। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास और समझदारी के संबंधों का संदेह दूर होगा और वे एक-दूसरे के साथ मिलकर विभिन्न विषयों पर बातचीत कर सकेंगे। आने वाले समय में जी20 सम्मेलन और अन्य संबंधित मंच दोनों देशों के बीच अधिक संबंधों को सुधारने और द्विपक्षीय सहमति को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।

अन्य देशों के साथ सहयोग

भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए समर्थन और सहयोग के साथ, दोनों देश अन्य देशों के साथ भी मिलकर काम कर रहे हैं। जी20 सम्मेलन इस दिशा में एक महत्वपूर्ण मंच है, जिसमें विश्व के अन्य देशों के नेता भी शामिल होते हैं। इससे वे विभिन्न गतिरोधों को सुलझाने के लिए साझेदारी कर सकते हैं और एक समझौते के माध्यम से अधिक सहमति प्राप्त कर सकते हैं।

समापन अनुसंधान

इस अनूठे मिलनसार भोज के दौरान नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग के बीच हुई बातचीत ने विभिन्न विषयों पर साझा समझ बढ़ाई। इससे भारत-चीन संबंधों के मामले में सुधार होने की उम्मीद है। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने के लिए नए उपाय खोजने का फैसला किया है, जो संबंधों को मजबूत बनाएगा और समझदारी और सहयोग के रास्ते को खोलेगा।

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