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संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) ने शनिवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान शहबाज को 16 अरब रुपये के धनशोधन मामले में क्लीन चिट दे दी। लंदन में चार साल के स्व-निर्वासन के बाद दिसंबर में पाकिस्तान लौटे सुलेमान का नाम एफआईए के साथ दर्ज भ्रष्टाचार के मामले में दर्ज किया गया था। मामले में उनके पिता श्री शहबाज और भाई हमजा शहबाज को पहले ही बरी किया जा चुका है।
मीडिया रिपोर्ट कहा गया कि लाहौर की एक विशेष अदालत ने 23 दिसंबर, 2022 को मनी लॉन्ड्रिंग (धनशोधन) मामले में सुलेमान को 100,000 रुपये के जमानत बांड पर अंतरिम जमानत दे दी, जब उन्होंने जमानत याचिका दायर की। याचिका में यह भी कहा गया था कि अदालत को उन्हें भगोड़ा घोषित करने से पहले कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने की आवश्यकता है।
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सुलेमान के पाकिस्तान लौटने से पहले, इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने एफआईए को उन्हें गिरफ्तार करने से रोक दिया था। विशेष अदालत (केंद्रीय) में आज की सुनवाई के दौरान, जांच एजेंसी ने सुलेमान और सह-आरोपी ताहिर नकवी को ‘दोषी नहीं पाया गया’ बताते हुए एक पूरक चालान पेश किया। जियो न्यूज के मुताबिक, अदालत सुलेमान की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा था।
सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अमजद परवेज ने हालांकि, अदालत को सूचित किया कि सुलेमान और नकवी पहले जमा की गई अपनी जमानत याचिका वापस लेना चाहते हैं। इसबीच पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने सुलेमान को बरी किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का फैसला किया है।
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