डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएएमएस की परीक्षा कॉपियां बदलने के मामले में ईडी की जांच जारी
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प्रस्तावना
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएएमएस की परीक्षा कॉपियां बदलने के मामले में ईडी (ईनफोर्समेंट डिरेक्टोरेट) जल्द ही विश्वविद्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर सकती है। इसके लिए ईडी अधिकारियों कर्मचारियों को नोटिस देने की तैयारी में जुटी हुई है। ईडी की कस्टडी रिमांड में कॉपी बदलने के मामले में आरोपी डिजिटेक्स्ट टेक्नोलॉजी के संचालक डेविड मारियो से पूछताछ में परीक्षा विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने के सबूत मिले हैं।
रास्ते में बदले जाती थी कॉपियां
ईडी द्वारा की गई पड़ताल से जानकारी मिली कि डेविड मारियो की कंपनी को करीब 7 साल के दौरान विश्वविद्यालय में छात्रों की ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन से लेकर परीक्षा आयोजित करने और डिग्री छाप कर बांटने का काम सौंपा जा रहा था। विश्वविद्यालय के अधिकारियों से गहरी सांठगांठ होने की वजह से डेविड मारियो की दखलअंदाजी लगातार बढ़ती जा रही थी। परीक्षा के दौरान अधिकारियों ने कॉपियो की सुरक्षा को लेकर कोई भी ठोस कदम नहीं उठाया और इसी वजह से कई दिनों तक परीक्षा की कॉपियां बदली जाती रही। परीक्षा केंद्र से सीधे एजेंसी जाने के बजाय कॉपियों को रास्ते में ही बदल दिया जाता था।
डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और एजेंसी के बीच संलिप्ति
बता दें कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय डेविड मारियो डेनिस की एजेंसी को वर्ष 2015 में तत्कालीन कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल के समय काम मिला था। एजेंसी ने साल 2022 तक विवि में काम किया एजेंसी को जो भी काम मिला वह कमेटी की सहमति से दिया जाता रहा। जिस कमेटी में कुलपति, परीक्षा नियंत्रक के साथ वित्त अधिकारी भी शामिल रहे। एजेंसी की कार्यविधि में सभी पदों पर बदलाव हुए। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल के पदभार समय के दौरान कॉपियों के बदले जाने के मामले में आरोपी डेविड मारियो की जांच जारी है।
कुलपति विनय पाठक के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा
कुलपति के पद पर प्रोफेसर मोहम्मद मुजम्मिल के बाद डॉक्टर अरविंद कुमार दीक्षित, प्रोफेसर अशोक मित्तल, प्रोफेसर आलोक राय, प्रोफेसर विनय पाठक रहे। जिस समय बीएएमएस की कॉपियों को बदले जाने का मामला सामने आया। उस समय विवि के कुलपति प्रोफेसर विनय पाठक थे और उन्हीं के आदेश पर मुकदमा दर्ज किया गया। केंद्रों पर कॉपियां व प्रश्न पत्र भेजने और मंगाने की भूमिका में एजेंसी के अलावा गोपनीय व प्रशासनिक विभाग भी संलिप्त था।
गिरफ्तारियों का सिलसिला
आगरा में बीएएमएस की कॉपियां बदलने का मामला 26 अगस्त को सामने आया था। थाना हरी पर्वत में इस मामले में मुकदमा दर्ज किया गया था और पुलिस ने विश्वविद्यालय की ऑटो चालक देवेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वही बाद में उसके सहयोगी डॉक्टर अतुल को भी गिरफ्तार किया गया था। वह दिल्ली में एमडी की तैयारी कर रहा था। एजेंसी के कार्यालय में कॉपियों की जांच की गई थी और बीएएमएस की 14 कॉपियों के हस्तलेख बदले हुए पाए गए थे। इस मामले में छात्र नेता राहुल पाराशर को भी गिरफ्तार किया गया था।
निष्कर्ष (Conclusion)
यह घटना डॉक्टर भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ा संकट है। इसे गंभीरता से निबार्चित करने की जरूरत है ताकि विश्वविद्यालय की परीक्षा संस्था और प्रक्रिया को सम्मानित बनाया जा सके। ईडी द्वारा की जाने वाली जांच से सच्चाई सामने आ सके और दोषियों को सजा दिया जा सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
- यह जांच क्यों शुरू की गई? ईडी ने कॉपी बदलने के मामले में संदेह के आधार पर जांच शुरू की है।
- आरोपी कौन हैं और क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है? आरोपी डिजिटेक्स्ट टेक्नोलॉजी के संचालक डेविड मारियो हैं और उन्हें गिरफ्तार किया गया है।
- यह विश्वविद्यालय के लिए कैसे गंभीर है? यह विश्वविद्यालय के लिए गंभीर है क्योंकि यह परीक्षा की साक्षात्कारिता को हानि पहुंचा सकता है और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की निष्कर्ष सुरक्षा पर गहरा संदेह है।
- इस मामले की जांच कब तक पूरी होगी? इस मामले की जांच जल्द ही पूरी होने की उम्मीद है ताकि दोषियों को सजा दिया जा सके।
- छात्रों को इस घटना से कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है? छात्रों को परीक्षा की सुरक्षा को मजबूत किया जाना चाहिए और कॉपियों को सुरक्षित रखने के लिए उचित उपाय अपनाए जाने चाहिए।
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