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आगरा के सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज में रोजाना सैकड़ों मरीज अपनी बीमारी का इलाज करवाने पहुंचते हैं, लेकिन वहां की लचर स्वास्थ्य व्यवस्था और ढुल-मुल रवैया इन मरीजों के लिए अच्छे दिनों की तरह नहीं है। इलाज शुरू होने से पहले ही मरीज को जो पर्चा बनवाने होते हैं, उसके लिए भी काफी संघर्ष करना पड़ता है।
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पर्चे के लिए जंग: भीड़ और अवस्थाएँ
एसएन मेडिकल कॉलेज की ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने से पहले मरीजों को ओपीडी के पास स्थित हॉल में पर्चा बनवाने होते हैं। यहां 1 रुपये का पर्चा बनता है, लेकिन हॉल में पर्चे बनवाने वालों की इतनी भीड़ जमा हो जाती है कि गर्मी और उमस की वजह से लोगों का बुरा हाल होने लगता है। इस भीड़ के चलते, लोगों में बहस और लड़ाई की संभावना भी बढ़ जाती है।
करीब 2 घंटे से लाइन में खड़ी कई महिलाएं ने बताया कि सुबह से 12:00 बजे हो चुके हैं, लेकिन अभी तक पर्चा बनवाने के लिए उनका नंबर नहीं आया है। यहां तक कि अधिकतर विभागों से डॉक्टर भी उठ जाएंगे, और वह फिर से अगले दिन आकर पर्चा बनवाना पड़ेगा और डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा।
बुरी हालात: व्यवस्था की आलस्य
एसएन मेडिकल कॉलेज में पर्चे बनवाने के लिए जिस हॉल में काउंटर होते हैं, वहां कई सारे काउंटर मौजूद हैं, लेकिन कर्मचारियों द्वारा धीमी रफ्तार के चलते लोगों की काफी भीड़ इस हॉल में जमा हो जाती है। और इसी वजह से यहां काफी घुटन और गर्मी के हालात भी पैदा हो जाते हैं। व्यवस्था की सुधार की तकद की जरूरत है, ताकि मरीजों का इलाज सुविधाजनक हो सके।
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